वन विभाग ने आदेश जारी करते हुए था कि घरों में पाले जा रहे तोते (मिट्ठू) या अन्य पक्षी विभाग में जमा करवाएं, नहीं तो संबंधित घर मालिक के खिलाफ वन कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग ने एक हफ्ता पहले जारी किया था अब वह आदेश वापस ले लिया है। एक हफ्ते में ही मिट्ठू पालने के खिलाफ जारी आदेश को लेकर वन विभाग बैकफुट पर क्यों आया, इसकी जमकर चर्चा है। कहा जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस आदेश पर ऐतराज किया था, क्योंकि उनके यहां मिट्ठू पले हुए हैं।
नई दिल्ली से तकनीकी मार्गदर्शन
वन विभाग ने आनन-फानन में एक और आदेश जारी कर कहा कि घरों में पाले गए तोते या अन्य पक्षियों को लेकर वन विभाग नई दिल्ली के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली से तकनीकी मार्गदर्शन लेगा। इसके बाद कार्रवाई को लेकर फैसला किया जाएगा। इस तरह अभी जिनके यहां तोते या अन्य पक्षी हैं, उन्हें यह मान लेना चाहिए कि इस तरह की कार्रवाई अब नहीं होने जा रही है।
वन पक्षियों की खरीदी-बिक्री पर बैन
नवा रायपुर के वन मुख्यालय अरण्य भवन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख की ओर से 23 अगस्त को रायपुर जिला सहित प्रदेश में वन कानूनों के तहत संरक्षित तोते एवं अन्य पक्षियों के धडल्ले से बिक्री को रोकने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पत्र के आधार पर एपीसीसीएफ (संरक्षण) की ओर से प्रदेश के सभी सीएफ तथा डीएफओ को एक पत्र जारी कर दिया गया था। इस पत्र में कहा गया था कि संरक्षण पाए गए वन पक्षियों की खरीदी-बिक्री पर बैन है, इसके बावजूद यह धड़ल्ले से हो रही है।
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 के तहत इस खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने के लिए तुरंत जरूरी कार्रवाई की जानी है। इस पत्र के आधार पर सबसे पहले बिलासपुर के डीएफओ ने आदेश जारी कर कहा था कि बिलासपुर और आसपास जितने भी लोगों ने तोते या वन कानूनों से संरक्षित पक्षी पाल रखे हैं, वे इन्हें 15 दिन के भीतर कानन पेंडारी चिड़ियाघर में जमा करवा दें। इसके बाद जांच शुरू होगी और जिनके यहां तोते या अन्य पक्षी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ वन कानूनों के तहत कार्रवाई होगी। इस आदेश की बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में जमकर प्रतिक्रिया हुई है। इस आधार पर नया आदेश जारी किया गया है कि फिलहाल इन पक्षियों की बिक्री पर रोक की कार्रवाई की जाए। जिन्होंने ऐसे पक्षी घरों में पाल रखे हैं, उनके संबंध में छत्तीसगढ़ का वन विभाग भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली एवं वन्यप्राणी प्रभाग से आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन लेगा। तब तक के लिए घरों में पाले गए मिट्ठुओं या अन्य पक्षियों को लेकर कार्रवाई स्थगित रखी जाएगी। मार्गदर्शन कब तक लिया जाएगा, इसकी समय सीमा तय नहीं है। जानकारों का मानना है कि यह अनिश्चितकालीन है, यानी वन विभाग घरों मिट्ठू पालने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश से पीछे हट गया।
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