सरकार को पानी का पैसा नहीं चुकाते छत्तीसगढ़ के उद्योग, 400 करोड़ से ज्यादा का बकाया है टैक्स

छत्तीसगढ़ सरकार पैसों की कमी से जूझ रही है लेकिन अपने उद्योगों से ही टैक्स का पैसा वसूल नहीं कर पा रही। छत्तीसगढ़ में 20 से ज्यादा उद्योग ऐसे हैं जिन पर लाखों रुपए का पानी का टैक्स बकाया है। इनमें से ज्यादातर पॉवर प्लांट हैं।

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Arun Tiwari
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Raipur.छत्तीसगढ़ सरकार पैसों की कमी से जूझ रही है लेकिन अपने उद्योगों से ही टैक्स का पैसा वसूल नहीं कर पा रही। छत्तीसगढ़ में 20 से ज्यादा उद्योग ऐसे हैं जिन पर लाखों रुपए का पानी का टैक्स बकाया है। इनमें से ज्यादातर पॉवर प्लांट हैं। इन पॉवर प्लांट पर 400 करोड़ का वॉटर टैक्स बकाया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार को अपने पड़ोंसी राज्य से बिजली के 15 हजार करोड़ रुपए लेने हैं,जिसकी वसूली भी नहीं हो पा रही।

एक तरफ तो सरकार जनता पर बिजली की मार कर रही है तो दूसरी तरफ पॉवर प्लांट से टैक्स का पैसा लेने में लाचार नजर आती है। सरकार सिर्फ चिट्टी चिट्ठी खेल रही है। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप कहते हैं कि जलकर की वसूली के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और बकायादार उद्योगों से पत्राचार किया जा रहा है। 

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जनता पर मार - उद्योगों पर लाचार : 

छत्तीसगढ़ में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा बिजली और उसके बिल का है। पिछले दो साल में बिजली के टैरिफ में इजाफा होता गया और लोगों के बिजली का बिल बढ़ता गया। सरकार ने 400 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना को 100 यूनिट पर ला दिया जिससे आम आदमी का बिल दोगुने से ज्यादा हो गया। विरोध बढ़ा तो सरकार ने राहत देने के लिए 100 यूनिट को बढ़ाकर 200 यूनिट कर दिया।

लेकिन सरकार उद्योगों के सामने लाचार नजर आती है। छत्तीसगढ़ में 20 से ज्यादा उद्योग हैं जिनमें से अधिकांश पॉवर प्लांट हैं उन पर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का वॉटर टैक्स बकाया है। सरकार इन उद्योगों से अपने पानी का पैसा नहीं वसूल पा रही है।  

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Chhattisgarh industries not paying government for water

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इन पर इतना बकाया : 

  • छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल - 22633 लाख रुपए
  • जल विद्युत संयंत्र - 26.600 लाख रुपए
  • ताप विद्युत गृह - 196.640 लाख रुपए
  • विद्युत मंडल कोरबा - 7742 लाख रुपए
  • बालको - 42.110 लाख रुपए
  • बालको विस्तारीकरण - 3665 लाख रुपए
  • बालको 1200 मेगावाट - 234 लाख रुपए
  • एचसीएल - 76 लाख रुपए
  • एसीबी - 50  लाख रुपए
  • लैको अमरकंटक - 542 लाख रुपए
  • छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल - 468 लाख रुपए
  • एसीबी - 1071 लाख रुपए
  • एसीबी - 4850 लाख रुपए
  • मारुति क्लीन एंड कोल्ड -150 लाख रुपए

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तेलंगाना पर बिजली का 15 हजार करोड़ का बकाया : 

सरकार अपने राज्य के उद्योगों से पानी का टैक्स नहीं ले पा रही तो दूसरे राज्यों से बिजली का पैसा लेने में लाचार है। छत्तीसगढ़ सरकार तेलंगाना को बिजली बेचती है। तेलंगाना सरकार छत्तीसगढ़ से बिजली तो ले रही है लेकिन उसका भुगतान नहीं कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार को तेलंगाना सरकार से 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा लेने हैं।

साल 2021 - 3454, 2022-4330,2023-2897,2025-2365, 2025-2321 करोड़ रुपए तेलंगाना पर बकाया है। यानी सरकार खुद का पैसा ले नहीं पा रही जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता को भुगतना पड़ रहा है। बकायादार लोगों के बिजली के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। सवाल यही है कि आम आदमी पर तो सरकार पॉवर दिखाती है लेकिन बकायादारों के सामने लाचार क्यों हो जाती है।

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