शिव शंकर सारथी@RAIPUR. रायपुर नगर निगम के कांग्रेस पार्षद ने अपने ही पार्टी के महापौर एजाज ढेबर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए अर्धनग्न प्रदर्शन किया। एमआईसी की बैठक में जब भ्रष्ट अधिकारी संतोष पाण्डेय को संविदा नियुक्ति देने के एजेंडा के बारे में कांग्रेस पार्षद अनवर को पता चला तो वह नगर निगम कार्यालय पहुंचे अर्धनग्न होकर विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे महापौर के कथित करप्शन के खिलाफ लड़ती भिड़ती रहीं, लेकिन उनसे ज्यादा कुछ हो नहीं पाया।
हवलदार अब्दुल हमीद वार्ड के पार्षद अनवर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खेमे से हैं। जबकि महापौर एजाज ढेबर के सिर पर तत्कालीन प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हाथ रहा है।
एमआईसी मीटिंग के बाद पार्षद ने किया प्रदर्शन
हवलदार अब्दुल हमीद वार्ड 36 के पार्षद अनवर ने बताया कि आचार संहिता के बाद एमआईसी की बैठक रखी गई, लेकिन मीटिंग में शहर के विकास से जुड़े मुद्दे शामिल ही नहीं हैं। प्रदर्शन कर रहे पार्षद अनवर ने कहा कि जल
और सफाई की समस्या को लेकर अधिकारियों को लगातार अवगत कराने के बाद भी कार्य नहीं हो रहा है। रायपुर एमआईसी शहर के विकास से जुड़े मुद्दे पर ध्यान नहीं देती।
नाले के निर्माण में मनमानी
पार्षद का कहना है कि बारिश में जीई रोड पर पानी भर जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए एक बड़ा नाला बनाया जाना था। पार्षद अनवर के मुताबिक, महापौर एजाज ढेबर ने इस नाले के निर्माण में मनमानी की है, जिसके चलते बारिश में फिर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पार्षद ने महापौर पर लगाए आरोप
the sootr को पार्षद अनवर ने बताया कि एसबीआई से जिला सहकारी बैंक तक नाले का निर्माण होना था। यदि नाला एसबीआई से जिला सहकारी बैंक तक बनाया जाता तो, सड़क में पानी भरने की समस्या हल हो जाती। महापौर ने निजी फायदे के लिए नाला अपने वॉर्ड में ही बनवा लिया। मेरा वॉर्ड जोन नंबर दो में आता है, लेकिन मेरे वॉर्ड के निर्माण कार्यों को जोन नंबर चार में रखकर मंजूरी ली जा रही है।
पार्षद अनवर के मुताबिक एमआईसी में जनहित के मुद्दों को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है। सोमवार को हुई एमआईसी में संविदा नियुक्ति समेत जो-जो मुद्दे रखे गए थे। जनहित के मुद्दों से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। यह ट्रेजर आईलैंड कॉम्प्लेक्स के घोटाला बाज को संविदा नियुक्ति देने की तैयारी है।
क्या है ट्रेजर आई लैंड टैक्स घोटाला
कांग्रेस की तत्कालीन महापौर किरणमयी नायक ने अतिरिक्त निर्माण /नियम विरुद्ध निर्माण को लेकर लगभग 26 करोड़ का जुर्माना नोटिस दिया। सालों बाद बजाय जुर्माना बढ़ा कर लेना था, चमत्कारिक रूप से ढाई करोड़ का जुर्माना लेकर मामले को सैटल किया गया है। सैटल के इस खेल में संतोष पांडेय आधिकारिक हस्ताक्षर कर्ता हैं। पार्षद अनवर के मुताबिक घोटालेबाज संतोष पांडेय को संविदा नहीं दिया जाना चाहिए।
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