अरुण तिवारी@RAIPUR. सरकार अब महतारी वंदन योजना पर मुफ्त का चंदन घिसने में कमी करने वाली है। लोकसभा चुनाव होते ही महतारी वंदन योजना की पड़ताल शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव के पहले सरकार ने एक झटके में 70 लाख महिलाओं को महतारी बनाकर उनका वंदन करने लगी। लेकिन अब सरकार को शिकायत मिलने लगी है कि इस योजना में अपात्र महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए महीने जा रहे हैं।
सरकार ने अब इस योजना में महिलाओं की छंटनी करने की तैयारी कर ली है। अपात्र महिलाओं को योजना से बाहर किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो सरकार को प्रारंभिक जानकारी में ये बात सामने आई है कि करीब एक लाख महिलाएं ऐसी हैं जो इस योजना के दायरे में नहीं आती। सरकार सबसे पहले इन महिलाओं का परीक्षण करा रही है।
पहले वंदन अब वसूली
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के पहले महतारी वंदन योजना की घोषणा कर इसे मोदी की गारंटी बता दिया। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बन गई और यह माना गया कि इसमें महिलाओं का योगदान ज्यादा रहा। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए।
सरकार ने आनन-फानन में इस योजना की फाइल पर मुहर लगा दी और जितने भी फॉर्म आए सबको महतारी बना दिया। नतीजा ये हुआ कि 70 लाख महिलाएं महतारी वंदन योजना में रजिस्टर्ड हो गईं। सरकार को लोकसभा चुनाव में इस योजना को भुनाना था तो मार्च से सभी को एक हजार रुपए महीने देकर 700 करोड़ रुपए महीने का खर्च करने लगी। अब चुनाव हुए तो इस योजना की पड़ताल शुरु हो गई।
अब उन फॉर्म को खंगाला जा रहा है जो अपात्रता की श्रेणी में आते हैं। सरकार के सामने शिकायतें भी आने लगी हैं।
सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक तौर पर एक लाख महिलाओं पर नाम कटने का खतरा मंडरा रहा है। जब पूरी जांच होगी तब यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
पहले महतारी का वंदन और अब वसूली की बात भी होने लगी है। शिकायत में ये सामने आया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चुनाव का फायदा उठाकर अपने परिजनों को इस योजना में शामिल करा दिया है।
इसके अलावा सरकारी कर्मचारी के परिजन भी इसका फायदा उठा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री कहती हैं कि अपात्रता के सारे बिंदुओं पर जांच होगी।
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यह हैं जांच के मुख्य बिंदु
- जिनके परिवार में कोई भी सदस्य आयकर दाता हो, वे महतारी वंदन योजना के लिए अपात्र।
- जिनके परिवार के कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में हो इस योजना के लिए अपात्र होंगे।
- जिनके परिवार के कोई भी सदस्य पूर्व / वर्तमान मे सांसद या विधायक हो, वे भी अपात्र की श्रेणी में आएंगे।
- भारत सरकार या राज्य सरकार के बोर्ड निगम में जिनके परिवार के कोई भी सदस्य अध्यक्ष या उपाध्यक्ष हो वे महतारी वंदन योजना के लिए अपात्र माने जायेंगे।
दो साल पहले मौत लेकिन मिल रहे योजना के पैसे
सरकार की जांच में एक चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है। कोटा की चित्रा कोसले की मौत दो साल पहले हो चुकी है लेकिन उनके पति सुरेंद्र कुमार कोसले के नाम से आवेदन में महतारी वंदन योजना का लाभ पाने के लिए फोटो, दस्तावेज के साथ फर्जी हस्ताक्षर किए गए।
इसकी जांच की जिम्मेदारी ग्राम सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर की थी। आवेदन की जांच में लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि, आवेदन सत्यापित हो गया और मृतक के खाते में योजना की 1 हजार रूपए राशि जाने लगी।
यह तो सिर्फ एक मामला है ऐसे कई मामले सरकार के सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने इस योजना पर ही सवाल उठाए हैं। पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया कहती हैं कि चुनाव लाभ उठाकर बीजेपी महिलाओं के साथ छल कर रही है।
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महतारी वंदन ने बिगाड़ी आर्थिक सेहत
छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना ने पूरे देश मे सुर्खियां बटोरी हैं। इस योजना से प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को फायदा मिल रहा है। चुनावी योजना के कारण इसे मोदी की गारंटी भी कहा गया। लेकिन चुनाव के बाद मोदी की गारंटी पर सवाल उठने लगे हैं।
हालांकि सूत्रों की मानें तो यह योजना बंद नहीं होगी। मोदी की लखपति योजना जब शुरु होगी तब इसका रुप बदला जा सकता है। लेकिन यह बात जरुर है कि योजना के भारी भरकम बजट से बचने के लिए सरकार इसमें छंटनी जरुर करने जा रही है।
सरकार को लगता है कि मुफ्त का चंदन घिसकर महतारी वंदन करने से कहीं उसकी आर्थिक सेहत न बिगड़ जाए। mahatari vandan yojana
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