शिव शंकर सारथी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में रेत के दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं। रेत की सप्लाई करने वाले ट्रेडर्स मालिक, खरीददारों को रेत के उत्खनन की बंदिश को वजह बता रहे हैं। रेत के रेट बढ़ने की वजह सही भी है। लेकिन, सारे नियमों को ठेंगा दिखाकर नदियों से रेत धड़ल्ले से निकाली जा रही है।
घर बनाने वालों का बिगड़ा बजट
रायपुर समेत रायपुर में रेत के दामों से हलाकान कर दिया है। रेत के तेजी से बढ़ते दाम के कारण घर बनाने वालों का बजट बिगड़ गया है। घर का सपना पूरा करने कन्हैया दास माखीजा ने लोन लेकर घर बनाना शुरू किया। दो महीने पहले एक हाईवा में 700 फीट रेत के लिए कन्हैया ने 12 हजार 600 का भुगतान किया था। और बारह दिन पहले उतने ही रेत की कीमत अब बढ़कर 20 हजार 300 रुपए हो गई है। साढ़े सात हजार रूपए महंगाई ने कन्हैया को परेशान तो किया। लेकिन घर का सपना पूरा करने महंगाई को झेलना कन्हैया की तरह सबकी जरुरत है।
रेत निकासी बंद फिर भी अवैध उत्खनन
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार द्वारा अगस्त तक लगाई बंदिश के बाद रेत का अवैध उत्खनन जारी है। जिसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर खनिज विभाग सख्त बना हुआ है। रायगढ़, राजनांदगांव, महासमुंद, जांजगीर चांपा, बिलासपुर समेत जिलों में खनिज विभाग ने रेत घाटों पर दबिश और चेन माउंटेन और हाईवा, ट्रैक्टर जब्त कर कानूनी कार्रवाई की है।
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रेत का अवैध उत्खनन कभी नहीं रुका
पिछली सरकार ने रेत का रेट प्रति हाईवा 5 हजार 500 रूपए से ज्यादा नहीं होगा कहा था। लेकिन रेत के दाम में उछाल होते रहा। अब रेत की कीमतें आसमान छू रही है। लेकिन कीमतों को थामने का प्रयास दिख तो नहीं रहा है।
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