इंक्रिमेंट के बावजूद शिक्षक-कर्मचारियों को मिला कम वेतन, जानिए क्या है वजह

रायपुर। ई कोश में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इंक्रीमेंट के बावजूद शिक्षक और कर्मचारियों को कम सैलरी मिली है।

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Pravesh Shukla
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रायपुर। ई कोश में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इंक्रीमेंट के बावजूद शिक्षक और कर्मचारियों को कम सैलरी मिली है। इस पर कर्मचारी नेता ने शासन से लापरवाह कर्मचारियों पर जिम्मेदारी तय करके उनपर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

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"इंक्रिमेंट के बावजूद मिला कम वेतन"

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने इस पर बयान देते हुए कहा कि "ई-कोश में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से इंक्रीमेंट के बाद भी कम वेतन मिला, संचालनालय कोश लेखा और पेंशन के लापरवाही की वजह से जुलाई महीने में कर्चारियों के वेतन से अधिक कटौती हुई है। पिछले बेसिक पर ही HRA बनाया गया। साफ्टवेयर में इसमें भी संशोधन नहीं किया गया"। 

"तय की जाए जिम्मेदारी"

संजय ने कहा कि "लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों को कम वेतन मिल गया है। गड़बड़ी करने वालों पर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए। जुलाई सरकारी कर्मचारियों के इन्क्रीमेंट का महीना होता है। कर्मचारी बड़ी शिद्दत से इसके इंतजार में रहते हैं कि, जुलाई के वेतन में उन्हें इन्क्रीमेंट लगकर मिलेगा। इस बढ़े हुए वेतन से कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार के बच्चों की भी उम्मीदें जुड़ी रहती हैं"।

"पीएफ खाते में जमा हुई रकम"

संजय ने आगे कहा कि "इस बार छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के खाते में जुलाई महीने का वेतन तो आया, डीडीओ की ओर से इंक्रिमेंट भी लगाया गया, लेकिन हर महीने कटने वाले प्रोविडेंट फंड  की  राशि जो मूल वेतन का 12 फीसदी थी, उसे बिना कर्मचारी की सहमति लिए 15.3 प्रतिशत की दर से काट लिया गया।  इस वजह से कर्मचारियों को जुलाई माह में मिलने वाला वेतन वृद्धि का लाभ खाते में नहीं मिल पाया। बढ़ी हुई राशि उनके CGPF खाते में जमा हो गई"।

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सॉफ्टवेयर में करना होता है सुधार


जानकारों के मुताबिक जब सॉफ्टवेयर में इन्क्रीमेंट लगाया जाता है, उस दौरान कर्मचारी के डिडक्शन सेक्शन में जाकर कटौती में सुधार करना होता है, जिसे डीडीओ के स्तर पर जुलाई महीने का बिल बनाते समय नहीं किया गया। जिससे कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ा। इस गलती के जिम्मेदार के ऊपर क्या शासन कोई कार्रवाई करेगी या फिर हमेशा की तरह कर्मचारी केवल अपने को ठगे महसूस करेंगे।

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HRA में भी गड़बड़ी

इसके साथ ही  शासन की ओर से HRA में भी गड़बड़ी की गई, साफ्टवेयर में को सुधार नहीं किया गया। जुलाई महीने में इंक्रिमेंट लगने पर कर्मचारियों के HRA में भी इजाफा होता है। साफ्टवेयर में सुधार नहीं होने की वजह से डीडीओ की ओर से बिल बनाने के दौरान कर्मचारी के DUES सेक्शन में जाकर सुधार नहीं करने के कारण जादातर जगह पिछले बेसिक पर ही HRA देकर वेतन बनाया गया।

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कर्मचारियों को हुआ आर्थिक नुकसान

इससे कर्मचारी को आर्थिक नुक्सान हुआ। क्योंकि रकम छोटी  है तो इसका डीडीओ की ओर से एरियर भी नहीं दिया जाता। जैसे किसी कर्मचारी का मूल वेतन में 1000 रुपये का वेतन वृद्धि लगा तो उसे मिलने वाला 7% मकान किराया भत्ता में भी 70 रुपए का इजाफा होता है, जो कि नहीं दिया गया।

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