छत्तीसगढ़ में सुरक्षित नहीं बुजुर्ग, एनसीआरबी रिपोर्ट में खुलासा, जानें क्या कहती है क्राइम रिपोर्ट

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध दर देश में सबसे अधिक है, जो गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा करती है। इस पर तत्काल ध्यान और प्रभावी रोकथाम के उपाय आवश्यक हैं।

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Sanjay Dhiman
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NCRB Record in Cg

Photograph: (the sootr)

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) की 2023 की रिपोर्ट ने एक गंभीर वास्तविकता को उजागर किया है। छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु) के खिलाफ अपराध दर देश में सबसे अधिक है।

यह चौंकाने वाला आंकड़ा राज्य में वृद्धजनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा करता है और यह दर्शाता है कि सामाजिक कल्याण की दिशा में तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। 

NCRB रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध की दर 89.7 रही, जो कि 1,798 मामलों के साथ दर्ज की गई। यह दर 2022 के 1,632 मामलों की तुलना में काफी बढ़ी है, जो इस समस्या की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है।

वर्षदर्ज किए गए मामलेअपराध दर (प्रति लाख वरिष्ठ नागरिक)राष्ट्रीय औसत (लगभग)
20211,408जानकारी उपलब्ध नहींजानकारी उपलब्ध नहीं
20221,632जानकारी उपलब्ध नहींजानकारी उपलब्ध नहीं
20231,79889.722.2 (भारत में कुल 27,886 मामले)

हत्या और अन्य गंभीर अपराधों की दर

रिपोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या (Murder) के मामलों को लेकर भी छत्तीसगढ़ का नाम चिंताजनक रूप से सामने आया है।

वरिष्ठ नागरिकों की हत्या दर (Senior Citizen Murder Rate)

छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या की दर 3.6 रही, जो देश में सबसे अधिक है। राष्ट्रीय औसत केवल 1.2 है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (3.1), मध्य प्रदेश और तमिलनाडु (2.7) का स्थान है।

  • 2023 में, छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या के 72 मामलों में 73 लोगों की मौत हुई।

  • मृतकों में पुरुषों की संख्या 2,307 और महिलाओं की संख्या 214 (पूरे भारत में) रही।

  • यह आंकड़े न केवल अपराध की मात्रा बल्कि उसकी क्रूरता को भी दर्शाते हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा की एक बड़ी खाई उजागर होती है।

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कानूनी प्रक्रिया और लंबित मामले

एनसीआरबी रिपोर्ट में कानूनी प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई है:

  • गिरफ्तारियाँ और आरोप पत्र: 2023 में कुल 2,521 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 2,457 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए।

  • दोषसिद्धि: न्यायिक प्रक्रिया में 235 लोग दोषी ठहराए गए, जबकि 45 को बरी किया गया।

  • लंबित सुनवाई: 2023 में छत्तीसगढ़ में ऐसे अपराधों के 1,520 मामलों की सुनवाई हुई, जबकि पिछले वर्ष के 5,032 मामले लंबित रहे। मामलों का यह बड़ा बैकलॉग पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया को धीमा करता है और अपराधियों में भय का अभाव पैदा कर सकता है। 

अपराधों में वृद्धि के कारण और सुरक्षा के लिए उपाय

वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध में यह निरंतर वृद्धि (2021 में 1,408, 2022 में 1,632 और 2023 में 1,798 मामले) कई अंतर्निहित सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों का परिणाम है।  

वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध बढ़ने के पीछे ये है मुख्य कारण

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  1. कमजोरी और अकेलेपन का फायदा: कई वृद्धजन अकेले या पति/पत्नी के साथ रहते हैं, जिससे वे अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य [Lakshya] बन जाते हैं।

  2. संपत्ति विवाद: जमीन या संपत्ति के विवाद अक्सर वृद्ध माता-पिता के खिलाफ अपराध का मुख्य कारण बनते हैं, जिनमें अक्सर परिवार के सदस्य शामिल होते हैं।

  3. वित्तीय लालच:वरिष्ठ नागरिकों के पास बचत या पेंशन होने के कारण वे चोरी, डकैती और धोखाधड़ी (विशेषकर साइबर अपराध) का शिकार हो जाते हैं।

  4. साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या: डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण वृद्धजन ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग और फर्जी कॉल का आसान शिकार बन जाते हैं।

  5. देखभाल में लापरवाही: कुछ मामलों में, वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चों या रिश्तेदारों द्वारा उपेक्षित कर दिया जाता है, जिससे वे असुरक्षित और असहाय महसूस करते हैं।

  6. पुलिस की सीमित संवेदनशीलता: कभी-कभी, पुलिस थानों में वृद्धजनों की शिकायतों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता जितनी की आवश्यकता होती है।

सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकारी पहल

छत्तीसगढ़ पुलिस और प्रशासन ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

  • विशेष अभियान: वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

  • साइबर और सोशल मीडिया निगरानी: साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

  • समुदाय-आधारित पुलिसिंग: वरिष्ठ नागरिकों के साथ नियमित संपर्क स्थापित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'कम्युनिटी पुलिसिंग' को मजबूत करने की आवश्यकता है। 

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