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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. रायपुर की जंगल सफारी की बाघिन बिजली का निधन हो गया। गुजरात के जामनगर स्थित अनंत अंबानी के वनतारा रेस्क्यू सेंटर में 10 अक्टूबर 2025 को इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ अरुण कुमार पांडेय ने इस खबर की पुष्टि की। मौत की सूचना मिलते ही जंगल सफारी की टीम जामनगर रवाना हो गई है। बाघिन का अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा।
इस घटना ने वन्यजीवों के संरक्षण और उपचार से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं।आठ वर्ष की बिजली कुछ दिनों से बीमार थी। उसे 7 अक्टूबर को इलाज के लिए जामनगर भेजा गया था। इलाज में देरी और लंबी यात्रा ने उसकी तबियत को और ज़्यादा बिगाड़ दिया, जिससे उसकी जान चली गई।
अनुमति लेने में लगे दस दिन
बाघिन बिजली ने दस दिन पहले खाना-पीना बंद कर दिया था, तब बीमारी शुरू हुई थी। वन विभाग ने जांच कराई तो उसके यूट्रस-ओरल में इन्फेक्शन मिला था। इसके बाद, बेहतर इलाज के लिए उसे जामनगर के वनतारा रेस्क्यू सेंटर भेजने का फैसला हुआ। सीटी स्कैन में उसकी किडनी में भी इंफेक्शन का पता चला था।
इलाज में देरी हुई, क्योंकि रायपुर जंगल सफारी से अनुमति लेने में लगभग दस दिन का समय लग गया। इसी कारण उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। वन्यजीव विशेषज्ञों ने इतनी लंबी यात्रा पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि उनके अनुसार इससे बाघिन की तबीयत और खराब हुई।
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किडनी नहीं कर रही थी काम
डॉक्टरों ने कहा कि बाघिन बिजली पहले से ही कमजोर और बहुत बीमार थी। फॉरेस्ट विभाग के बुलावे पर वनतारा की टीम 5 अक्टूबर को रायपुर पहुंची थी। टीम ने बताया कि उसके पाचन तंत्र में दिक्कत थी। अल्ट्रासाउंड से पता चला कि उसकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही थी। इसके अतिरिक्त, बाघिन के गर्भाशय में भी इंफेक्शन फैला हुआ था। CZA से 6 अक्टूबर को अनुमति मिलते ही उसे जामनगर ले जाया गया।
वनतारा में छत्तीसगढ़ की बाघिन की मौत को ऐसे समझें
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गुजरात भेजने पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ के प्रमुख वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट ने बाघिन बिजली को गुजरात भेजने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि लंबी यात्रा से बाघिन का स्वास्थ्य और खराब हो गया।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। एमपी में उसका बेहतर इलाज किया जा सकता था, लेकिन राज्य सरकार ने समय पर सही निर्णय नहीं लिया।
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शिवाजी की बेटी थी बिजली
बाघिन 'बिजली' का जन्म रायपुर के जंगल सफारी में 8 साल पहले हुआ था। वह गुजरात से लाए गए नर बाघ शिवाजी की पहली शावक थी। बिजली की मौत और अंतिम संस्कार गुजरात के जामनगर में किया गया। इसी स्थान पर उसके पिता बाघ शिवाजी का जन्म भी हुआ था, जिसे लोग एक संयोग मान रहे हैं।