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छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने बिलासपुर जिले में अपनी संपत्तियों के किराए के बकायादारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। बोर्ड ने विशेष रूप से चाटापारा मस्जिद क्षेत्र और कंपनी गार्डन के सामने स्थित मस्जिद की दुकानों के किराएदारों को निशाना बनाया है, जो वर्षों से किराया जमा नहीं कर रहे हैं।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बकायादारों को कड़ा अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें 15 जुलाई 2025 तक बकाया किराया जमा करने और नया किराया एग्रीमेंट करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर दुकानों को सील करने की चेतावनी दी गई है।
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वक्फ बोर्ड का एक्शन मोड
छत्तीसगढ़ वक्फ ने हाल के महीनों में अपनी संपत्तियों के अवैध कब्जे और किराया बकाया जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया है। बिलासपुर में चाटापारा मस्जिद और कंपनी गार्डन के सामने मस्जिद परिसर में स्थित दुकानों के किराएदारों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन दुकानों का किराया लंबे समय से जमा नहीं किया गया है, जिसके चलते बोर्ड ने अब सख्ती बरतने का फैसला किया है।
डॉ. सलीम राज ने बिलासपुर का दौरा किया और किराएदारों को आखिरी चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगलवार तक बकाया किराया जमा नहीं करने और नया एग्रीमेंट नहीं करने वाले किराएदारों की दुकानों को सील कर दिया जाएगा। यह कार्रवाई बोर्ड की संपत्तियों से होने वाली आय को पारदर्शी और नियमित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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किराया भुगतान के लिए नई गाइडलाइंस
डॉ. सलीम राज ने मीडिया से बातचीत में कहा, "बोर्ड की संपत्तियों का किराया अब सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार लिया जाएगा। बकाया किराए को चार किस्तों में जमा करने की सुविधा दी गई है, ताकि किराएदारों को राहत मिल सके। लेकिन मंगलवार तक इस निर्देश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें दुकानों को सील करना शामिल है।"
उन्होंने यह भी बताया कि सभी किराएदारों को नया किराया एग्रीमेंट करना अनिवार्य होगा। यह कदम बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और मध्यस्थों की भूमिका को खत्म करने के लिए उठाया गया है। हाल ही में शुरू की गई भारत की पहली ऑनलाइन किराया संग्रह प्रणाली भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे छत्तीसगढ़ वक्फ ने लागू किया है।
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बिलासपुर में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां
बिलासपुर जिले में बोर्ड की संपत्तियों का मूल्य करोड़ों रुपये में है। इनमें मस्जिदों, दर्गाहों, कब्रिस्तानों और व्यावसायिक संपत्तियों जैसे दुकानें शामिल हैं। बोर्ड के अनुसार, बिलासपुर में 123 संपत्तियां अवैध कब्जे या बकाया किराए की समस्या से जूझ रही हैं। इन संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण जैसे कार्यों के लिए किया जाता है, लेकिन बकाया किराए के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो रही है।
पहले भी दी जा चुकी थी चेतावनी
डॉ. सलीम राज ने बताया कि बकायादार किराएदारों को पहले भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। कंपनी गार्डन के सामने मस्जिद परिसर की दुकानों के किराएदारों को पिछले दौरों में भी बकाया जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन कई किराएदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस बार बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई ढील नहीं बरती जाएगी।
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वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर व्यापक कार्रवाई
छत्तीसगढ़ वक्फ ने हाल ही में अवैध कब्जे और बकाया किराए के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है। अप्रैल 2025 में, बोर्ड ने 400 से अधिक अवैध कब्जेदारों और किराया बकायादारों को नोटिस जारी किए थे, जिनमें रायपुर में 78 और बिलासपुर में 123 मामले शामिल थे।, इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य 500 करोड़ रुपये से अधिक है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि वक्फ संपत्तियों को स्थायी रूप से बेचा या पट्टे पर नहीं दिया जा सकता, और अवैध रजिस्ट्री के जरिए कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम का प्रभाव
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025, जिसे 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी थी, ने बोर्ड को अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए अधिकार प्रदान किए हैं। इस कानून के तहत, केंद्रीय सरकार ने सभी राज्यों में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण शुरू किया है। छत्तीसगढ़ में 10 सदस्यीय केंद्रीय टीम ने अप्रैल 2025 में राज्य का दौरा किया और संपत्तियों की स्थिति का आकलन किया। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य में 85% वक्फ संपत्तियां अवैध कब्जे में हैं।
किराएदारों और जनता के लिए अपील
डॉ. सलीम राज ने किराएदारों से अपील की है कि वे समय रहते बकाया किराया जमा करें और नया एग्रीमेंट कर लें, ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की आय का उपयोग समुदाय के कल्याण के लिए किया जाता है, और बकाया किराए के कारण यह कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही, जनता से अनुरोध किया गया है कि वे वक्फ संपत्तियों से संबंधित किसी भी अनियमितता की सूचना बोर्ड को दें।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सख्त करने का संकेत
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की यह कार्रवाई न केवल बिलासपुर बल्कि पूरे राज्य में संपत्तियों के प्रबंधन को और सख्त करने का संकेत है। ऑनलाइन किराया संग्रह प्रणाली और नए एग्रीमेंट के नियम लागू होने से बोर्ड की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास जैसे कार्यों में निवेश की जाएगी। दूसरी ओर, बकायादारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से यह संदेश भी स्पष्ट है कि वक्फ बोर्ड अपनी संपत्तियों के दुरुपयोग को अब बर्दाश्त नहीं करेगा।
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