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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. बंगाल की खाड़ी से उठे भीषण चक्रवाती तूफान मोंथा का असर अब भी छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में जारी है। किरंदुल-कोत्तवालसा रेललाइन पर टायडा-चिमिड़ीपल्ली सेक्शन में भूस्खलन हुआ है। इससे रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा है।
इस दौरान कोई ट्रेन ट्रैक पर नहीं थी, जिससे बड़ी जनहानि नहीं हुई। वाल्टेयर रेलमंडल के अधिकारियों ने तुरंत राहत काम शुरू किया और रेल यातायात को फिर से सामान्य कर दिया।
दरअसल, मोंथा तूफान की वजह से इस इलाके में भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण पहाड़ों की मिट्टी और चट्टानें कमजोर हो गईं, जिससे टायडा-चिमिड़ीपल्ली सेक्शन में भूस्खलन हुआ और बोल्डर पटरियों पर गिर गए। यह घटना मंगलवार-बुधवार आधी रात की बताई जा रही है।
चक्रवात मोंथा के कारण ट्रेनों पर असर
चक्रवात मोंथा के कारण बुधवार को छत्तीसगढ़ के वाल्टेयर रेलमंडल ने 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया था। वहीं, गुरुवार के लिए भी 8 और ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, 3 ट्रेनों को फिर से शेड्यूल (री-शेड्यूल) किया गया है और 5 ट्रेनों का रूट (मार्ग) बदल दिया गया है।
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रद्द की गई प्रमुख ट्रेनें
| ट्रेन का नाम | मार्ग | रद्दीकरण अवधि |
|---|---|---|
| विशाखापत्तनम-किरंदुल पैसेंजर | केके लाइन | बुधवार और गुरुवार |
| किरंदुल-विशाखापत्तनम नाइट एक्सप्रेस | केके लाइन | बुधवार और गुरुवार |
| अन्य लंबी दूरी की ट्रेनें | विभिन्न मार्ग | चक्रवात के प्रभाव के कारण |
ट्रेनों के निरस्त होने से यात्रियों को परेशानी हो सकती है। यह कदम उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। रेलवे ने यात्रियों से यात्रा से पहले रेलवे हेल्पलाइन या आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ट्रेनों की स्थिति जरूर चेक करें।
पहली घटना का असर
पहली बार, इसी क्षेत्र में दस दिन पहले भूस्खलन हुआ था, जब एक बड़ा बोल्डर पटरियों पर गिर गया था। उस घटना के बाद भारतीय रेल विभाग ने ऑपरेशन चलाकर इसे हटाया था, लेकिन इसमें कई घंटे लगे थे। इस बार, भूस्खलन के दौरान सुरंग के भीतर बड़े-बड़े बोल्डर गिरने से रूट पूरी तरह से बंद हो गया था, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस दौरान कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी।
छत्तीसगढ़ में मोंथा तुफान और भूस्खलन की घटना को ऐसे समझें
10 दिन में दूसरी घटना: चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण किरंदुल-कोत्तवालसा (केके लाइन) रेलमार्ग पर यह 10 दिन के भीतर दूसरी बार भूस्खलन हुआ है। छत्तीसगढ़ में भूस्खलन से ट्रेनें प्रभावित हुई। सुरंग के अंदर बोल्डर गिरे: टायडा-चिमिड़ीपल्ली सेक्शन के बीच हुई इस घटना में, भूस्खलन के कारण सुरंग के अंदर बड़े-बड़े बोल्डर पटरियों पर गिर गए, जिससे रेल यातायात बाधित हो गया। बड़ी जनहानि टली: भूस्खलन के समय ट्रैक पर कोई भी ट्रेन नहीं गुजर रही थी, जिसके चलते एक बड़ी दुर्घटना और जनहानि टल गई। रेल यातायात प्रभावित हुआ। रेल यातायात बहाल: रेलवे ने अलसुबह तक ऑपरेशन चलाकर गिरे बोल्डरों को हटाया, जिसके बाद रेल यातायात बहाल हो सका। ट्रेनें रद्द/प्रभावित: चक्रवात मोंथा के असर और सुरक्षा कारणों से वाल्टेयर रेलमंडल ने बुधवार को 14 ट्रेनों को रद्द किया और गुरुवार के लिए भी 8 ट्रेनें रद्द की गईं, जबकि कुछ ट्रेनों को री-शेड्यूल और डाइवर्ट किया गया। |
तूफानी चक्रवात मोंथा का प्रभाव
छत्तीसगढ़ मौसम विभाग के मुताबिक, मोंथा तूफान अब उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और इसकी स्थिति जगदलपुर से 220 किमी दूर है। तूफान के कारण तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इन घटनाओं को नियंत्रित करने में रेल प्रशासन को कई चुनौतियाँ आ रही हैं।
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भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट
मोंथा चक्रवात के कारण भारी बारिश और हवा में नमी के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है। बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री कम 29.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.6 डिग्री ज्यादा 22.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा, 24 घंटों में 13 मिमी बारिश भी रिकॉर्ड की गई। इस बारिश के कारण हवा में नमी का स्तर 89% तक पहुंच गया है।
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