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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। मौसम विभाग (Weather Department) के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य के सात जिलों-राजनांदगांव, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में आज, रविवार को, बिजली चमकने, बादल गरजने और तेज आंधी चलने की आशंका है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे विशेष रूप से सतर्क रहें और खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे तथा बिजली के खंभों के पास खड़े होने से बचें।
बाकी जिलों में मौसम के सामान्य रहने की संभावना है, हालांकि स्थानीय स्तर पर हल्की बारिश हो सकती है। यह अलर्ट इस बात का संकेत है कि इन क्षेत्रों में मौसम की गतिविधि तीव्र हो सकती है, जिससे जान-माल के नुकसान का खतरा रहता है। प्रशासन ने भी इन जिलों में आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
आज से कम होगी बारिश की तीव्रता
एक महत्वपूर्ण अपडेट यह है कि आज से पूरे प्रदेश में बारिश की तीव्रता कम होने लगेगी। पिछले 24 घंटे में, राज्य के सभी संभागों के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई थी, लेकिन अब मौसमी प्रणालियों (Weather Systems) में बदलाव के कारण वर्षा की गतिविधि में कमी आएगी। यह बदलाव उन किसानों और नागरिकों के लिए राहत ला सकता है जो लगातार बारिश और जल-जमाव से प्रभावित थे।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में दर्ज किया गया, और दिलचस्प बात यह है कि सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस भी दुर्ग में ही रिकॉर्ड किया गया। यह दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में अधिक अंतर नहीं रह रहा है।
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जोरातराई गांव में फंसे पुजारी का रेस्क्यू
धमतरी जिले के जोरातराई गांव में एक 65 वर्षीय पुजारी उस समय एक टापू पर फंस गए, जब वे पूजा के लिए महानदी पार कर रहे थे। नदी में अचानक बाढ़ आने के कारण वह टापू पर अकेले रह गए। लगभग 8 घंटे तक इंतजार करने के बाद, स्थानीय रेस्क्यू टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। यह घटना बारिश के मौसम में नदियों के बदलते मिजाज की गंभीरता को रेखांकित करती है।
खाट पर बांधकर महिला को कराया नदी पार
वहीं, गरियाबंद जिले में एक हृदय विदारक लेकिन प्रेरणादायक घटना सामने आई। प्रसव पीड़ा (Labor Pain) से जूझ रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने खाट पर बांधकर नदी पार कराई। देवझर अमली निवासी 24 वर्षीय पिंकी नेताम को अचानक प्रसव पीड़ा हुई, और एम्बुलेंस की तत्काल व्यवस्था न हो पाने के कारण, उनके परिजन और ग्रामीणों ने यह जोखिम भरा कदम उठाया।
सुरक्षा के लिहाज से महिला को खाट से बांधा गया ताकि वह अमाड़ नदी पार करते समय गिर न जाए। ग्रामीणों के सहयोग से उसे सावधानीपूर्वक देवभोग के स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया गया। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों और सामुदायिक एकजुटता को दर्शाती है।
बारिश और छत्तीसगढ़ में यलो अलर्ट को ऐसे समझेंछत्तीसगढ़ मौसम अपडेट: राजनांदगांव, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर समेत 7 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, जहाँ बिजली चमकने, बादल गरजने और आंधी चलने की आशंका है। बारिश की तीव्रता में कमी: आज (रविवार) से पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी, हालांकि पिछले 24 घंटों में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई थी। तापमान की स्थिति: पिछले 24 घंटों में दुर्ग में अधिकतम तापमान (31.6°C) और सबसे कम न्यूनतम तापमान (20.6°C) दर्ज किया गया। बाढ़ संबंधी घटनाएं: धमतरी जिले में बाढ़ के चलते महानदी के एक टापू पर फंसे 65 वर्षीय पुजारी को 8 घंटे बाद सुरक्षित निकाला गया, वहीं गरियाबंद में ग्रामीणों ने प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को खाट पर बांधकर नदी पार कराई। मानसून वापसी में देरी: मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से मानसून की वापसी सामान्य तारीख (5 अक्टूबर) से लगभग 10 दिन देर से यानी करीब 15 अक्टूबर के बाद होने का अनुमान है। |
छत्तीसगढ़ से मानसून की वापसी में होगी देरी
मौसम विभाग के अनुसार, सामान्यतः 30 सितंबर तक हुई वर्षा को मानसून की बारिश (Monsoon Rain) माना जाता है, जबकि इसके बाद की बारिश को 'पोस्ट मानसून' यानी मानसून के बाद की बारिश (Post-Monsoon Rain) कहा जाता है।
मानसून की वापसी देश के कई हिस्सों से शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में अमूमन 5 अक्टूबर के आस-पास सरगुजा संभाग की ओर से मानसून लौटना शुरू हो जाता है, लेकिन इस वर्ष वापसी में देरी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्रदेश में मानसून करीब 15 अक्टूबर के बाद लौटेगा, जो सामान्य समय से लगभग 10 दिन की देरी है। यह देरी किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि खेत में नमी बने रहने से धान की फसलों को लाभ हो सकता है।
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बारिश के आंकड़े और बेमेतरा की स्थिति
प्रदेश में अब तक (30 सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार) 1167.4 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, जिलों के बीच वर्षा में असमानता दिखाई देती है।
सबसे कम बारिश: बेमेतरा जिले में अब तक केवल524.5 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। यह क्षेत्र सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है।
सामान्य बारिश: बस्तर, राजनांदगांव, और रायगढ़ जैसे अन्य जिलों में वर्षा सामान्य के आस-पास हुई है।
सबसे अधिक बारिश: बलरामपुर में 1520.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 52% ज्यादा है।
ये आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ का मौसम कितना विविधतापूर्ण है और कैसे अलग-अलग क्षेत्र एक ही मानसून सीजन में विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। मौसम की जानकारी रखना और उसके अनुसार तैयार रहना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।