Chhattisgarh : बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग ( Women and Child Development Department ) की तत्कालीन परियोजना अधिकारी ने क्षेत्र में शासकीय दौरों के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल ( fake bills worth lakhs of rupees ) बनवा ट्रेवल्स कंपनी को भुगतान करने के नाम पर शासकीय खजाने को चुना लगा दिया।
2 साल पहले हुई शिकायत के मामले में जांच होने पर अब 2 साल बाद सेवानिवृत्ति के पश्चात रिटायर्ड परियोजना अधिकारी ने विभाग को जमा कर दी है। पूरा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग का है।
क्या है पूरा मामला
महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर में रीना बाजपेयी परियोजना अधिकारी ( Reena Bajpai Project Officer ) के पद पर पदस्थ थीं। उनकी पदस्थापना बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना सरकंडा, बिल्हा-2 में परियोजना अधिकारी के पद पर थी।
इस दौरान अपने पद का फायदा उठा रीना बाजपेयी के द्वारा अपने परियोजना क्षेत्र में दौरा करने के नाम पर श्रीवास्तव टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी का वाहन अधिग्रहित करने के एवज में ट्रैवल कंपनी को 4 लाख 22 हजार 100 रुपए का भुगतान 15 किश्तों में कर दिया गया। शिकायत के अनुसार ना तो वाहन अधिग्रहित किया गया और ना ही कोई दौरा किया गया। इस बात की शिकायत 15 दिसंबर 2022 को वरिष्ठ अधिकारियों को की गई। जिस पर जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी उमाशंकर गुप्ता को जांच कर अपना प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए गए।
इसके बाद उमाशंकर गुप्ता ने जांच कर अपना प्रतिवेदन संचालनालय को भेजा। उनके जांच रिपोर्ट में फर्जी बिल के द्वारा 15 किश्तों में शासकीय खजाने को चुना लगाने की पुष्टि हुई।
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विभाग संतुष्ट नहीं
संचालनालय के द्वारा 17 दिसंबर 2023 को तत्कालीन परियोजना अधिकारी रीना बाजपेयी को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया। नोटिस का जवाब संतुष्टि पूर्ण व समाधानकारक नहीं पाए जाने पर 10 मई 2024 को महिला बाल विकास विभाग की संचालक तूलिका प्रजापति ने तत्कालीन परियोजना अधिकारी रीना वाजपेयी को पत्र प्रेषित कर उक्त राशि 15 दिनों में जमा करने के निर्देश दिए।
बता दें तब तक रीना बाजपेयी सेवानिवृत्त हो चुकी थीं। उन्होंने संचालक का पत्र मिलने पर 14 मई 2024 को चालान के माध्यम से संपूर्ण राशि जमा कर दी।
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इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी उमाशंकर गुप्ता से जब पूछा गया तो उन्होंने अपने ही जांच रिपोर्ट को काफी दिनों पुराना होने के चलते क्या जांच रिपोर्ट उन्होंने बना कर भेजी है, यह याद नहीं रहने की बात कह बात को टाल दिया। जबकि खुद सेवानिवृत परियोजना अधिकारी रीना बाजपेयी ने रकम जमा करने की पुष्टि की है।
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