Chief Minister's Skill Development Scheme : छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन रोजगार के नाम पर नील बटे सन्नाटा है। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना में रोजगार दिलाने के लिए युवाओं का स्किल डेवलपमेंट किया गया, लेकिन इस स्किल डेवलपमेंट से पिछले पांच साल में महज 8 हजार युवाओं को ही रोजगार मिल पाया।
सिर्फ सरकारी आंकड़े में ही प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 17 लाख से ज्यादा है। इसमें एक और कमाल की बात ये भी है कि भूपेश सरकार ने बेरोजगारों को 250 का बेरोजगारी भत्ता बांट दिया। इस भत्ते से कई युवाओं को नौकरी मिल सकती थी। प्रदेश में महिलाओं को भत्ता मिल रहा है, किसानों को बोनस मिल रहा है, तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश मिल रहा है। इन युवाओं की चिंता कौन करेगा सरकार, थोड़ा इन पर भी ध्यान दीजिए।
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17 लाख बेरोजगार- 8 हजार को रोजगार
युवाओं को रोजगार देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की। इस योजना के तहत युवाओं को स्किल्ड किया जाता है ताकि उनको रोजगार मिल सके। द सूत्र ने इस योजना की पड़ताल की कि आखिर कितने लोगों को यह योजना रोजगार दिला पा रही है। चूंकि यह योजना भूपेश सरकार के समय शुरू हुई थी। इसलिए हमने पिछले पांच साल का आंकड़ा निकाला।
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साल 2020 से साल 2024 तक इस योजना के तहत प्रदेश के 8937 युवाओं को रोजगार मिला। यानी हर साल दो हजार लोगों को भी इस योजना के तहत रोजगार हासिल नहीं हो पाया। इन युवाओं को स्किल्ड करने में सरकार ने पांच साल में 31 करोड़ 97 लाख 43 हजार 117 रुपए खर्च किए गए।
ये है इस योजना की स्थिति
अब आपको बताते हैं प्रदेश में बेरोजगारों की स्थिति। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में 17 लाख 16 हजार 713 है। यह तो सिर्फ सरकारी आंकड़ा है लेकिन जानकारों के मुताबिक वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है। सरकार ने 150 रोजगार मेलों का भी आयोजन किया लेकिन उसके पास यह जानकारी नहीं हे कि इन रोजगार मेलों में कितनों को नौकरी मिली।
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भूपेश ने दिया 250 करोड़ का बेरोजगारी भत्ता
भूपेश सरकार में भले ही बेरोजगारों को नौकरी न मिली हो लेकिन बेरोजगारी भत्ता खूब मिला है। भूपेश ने युवाओं को नौकरी में सैलरी से ज्यादा बेरोजगार भत्ता बांट दिया। ये भत्ता चुनावी साल के आखिरी 8 महीनों में बांटा। सत्ता में आने के लिए भूपेश ने बेरोजगारी भत्ता देने का वचन दिया था, लेकिन चुनावी साल में ही यह बेरोजगारी भत्ता दिया गया और वह भी सत्ता बचाने में काम नहीं आया।
भूपेश ने अप्रैल 2023 से नवंबर 2023 तक 1 लाख 35 हजार 440 बेरोजगार युवाओं को 250 करोड़ रुपए भत्ते के रुप में दे दिए। इतने पैसे में इनमें से कई को नौकरी मिल जाती जिससे उनको हर महीने वेतन मिलता रहता। विष्णु सरकार के आने के बाद यह बेरोजगारी भत्ता खत्म हो गया।
वोट का स्किल डेवलपमेंट
क्या मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना सिर्फ वोट का स्किल डेवलपमेंट है। भूपेश बघेल ने तो चुनावाी साल में नौकरी से बड़ा बेरोजगारी भत्ता बांटकर कुछ इसी तरह का उदाहरण दिया। वहीं विष्णु सरकार को भी एक साल हो गए हैं लेकिन युवाओं के रोजगार के लिए कुछ खास रणनीति नजर नहीं आती। सरकार महतारी,किसान,मजदूर और उद्योगपतियों का तो भरपूर खयाल रख रही है लेकिन युवाओं के हाथ खाली हैं। न उनके पास काम है, न नौकरी है और न ही स्वरोजगार। कुछ इन पर भी ध्यान दीजिए सरकार।
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