इंडियन ओवरसीज बैंक के पैसे से क्लर्क,मैनेजर ने खेला जुआ... गिरफ्तार

Indian Overseas Bank Fraud Case : इंडियन ओवरसीज बैंक से बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने क्लर्क से लेकर मैनेजर तक को गिरफ्तार कर लिया है। 

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Kanak Durga Jha
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Clerk manager gambled with Indian Overseas Banks money arrested the sootr

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Indian Overseas Bank Fraud Case : इंडियन ओवरसीज बैंक से बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। गरियाबंद जिले के राजिम के इंडियन ओवरसीज बैंक में फर्जी ज्वेल लोन निकालकर 1.65 करोड़ रुपए से अधिक के गबन मामले में सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार और क्लर्क योगेश पटेल, खेमनलाल कंवर को गिरफ्तार कर लिया। 

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तीनों को ईओडब्ल्यू-एसीबी की विशेष कोर्ट में पेशकर पूछताछ के लिए 29 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया। वहीं आठ अप्रैल को ओडिशा के बरगढ़ से पकड़ी गई बैंक की सहायक अंकिता पाणीग्रही की दूसरी रिमांड सोमवार को खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया गया। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड यानि तीन मई तक जेल भेजने का आदेश दिया गया।

ऐसे किया घोटाला


ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि वर्ष 2022 में इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा राजिम में सहायक प्रबंधक के पद पर रहते हुए अंकिता पाणिग्रही ने बैंक अधिकारियों व क्लर्क की मिलीभगत से बंद खातों के जरिये फर्जी ज्वेल लोन निकालकर बैंक से 1.65 करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर गबन किया था। बैंक में हुए इस घोटाले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने वर्ष 2023 में अपराध पंजीबद्ध किया था। इस मामले में धारा 13 (क) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियिम 1988 यथासंशोधित अधिनियम 2018 और धारा 409 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज किया था। 

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घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने तत्कालीन सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही को नौकरी से निकाल दिया था। इसके बाद पिछले दिनों ईओडब्ल्यू ने फरार आरोपित अंकिता को ओडिशा के बरगढ़ से गिरफ्तार किया। पूछताछ में घोटाले में शाखा प्रबंधक समेत दो क्लर्कों की संलिप्ता पाए जाने पर उनकी गिरफ्तारी की गई। गिरफ्तार तत्कालीन शाखा प्रबंधकसुनील कुमार प्रसाद मूलत: झारखंड के बोकारो स्टील सिटी का निवासी है, जबकि क्लर्क योगेश पटेल अवंति विहार रायपुर और खेमनलाल कंवर गरियाबंद के ग्राम आसरा(पांडुका) का है।

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ट्रेडिंग स्कीम में लगाया 1.65 करोड़ और हार गए

ईओडब्ल्यू की जांच में साफ हुआ कि आरोपित बैंक अधिकारियों ने बैंक के सर्विलायंस एवं मानिटरिंग मैकेनिज्म को ब्रेक कर वेरिफिकेशन के प्रत्येक स्तर पर फर्जी अप्रूवल देकर गरीब किसानो के खाते में लोन का पैसा डाला फिर सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। जोरोधा नामक शेयर ट्रेडिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर फ्यूचर्स एवं आप्शन नामक ट्रेडिंग स्कीमों में 1.65 करोड़ रुपए लगाया। पूरा पैसा हार जाने से बैंक को आर्थिक हानि हुई। बैंक के प्रबंधक सुनील कुमार को बिहार जबकि क्लर्क खेमन लाल कंवर, योगेश पटेल को यहीं से पकड़ा गया। आरोपितों से पूछताछ में कई और नाम आने की संभावना है।

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