CM साय का ऐलान: मार्च 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद, बस्तर में विकास और शांति की नई राह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र मिलकर मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र मिलकर मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की तस्वीर अब बदल रही है, और वहां के युवा ही इस बदलाव की सबसे बड़ी ताकत हैं।मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में बीजापुर जिले के सुदूर और नक्सल प्रभावित गांवों – नियद और नेल्ला नार से आए 96 युवा-युवतियों से आत्मीय मुलाकात और संवाद कर रहे थे।

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नियद नेल्ला नार योजना से बदली गांवों की तस्वीर

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना से गांवों में बदलाव आ रहा है। इस योजना के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है। रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के अवसर बढ़े हैं। गांवों में विकास की बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं।

उन्होंने युवाओं से कहा, "आप सभी प्रदेश का भविष्य हैं। जब आप आगे बढ़ेंगे, तब बस्तर और छत्तीसगढ़ भी आगे बढ़ेगा।"

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 शांति और विकास की राह पर चल रहा बस्तर

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करना है। इसके लिए राज्य सरकार नक्सल क्षेत्रों में तेज़ी से विकास कार्य कर रही है। सड़कों, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "माओवादी विकास नहीं चाहते, लेकिन हम विकास के रास्ते में कोई रुकावट नहीं आने देंगे।"

बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और कृषि को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर के घने जंगलों, झरनों और उपजाऊ ज़मीन का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार खेती को मजबूत करने के लिए सिंचाई और पानी की सुविधाएं गांव-गांव पहुंचा रही है। उन्होंने युवाओं से कहा: खेती करें, आत्मनिर्भर बनें। पढ़ाई में मन लगाएं और शिक्षा के जरिए आगे बढ़ें। 'बस्तर ओलंपिक' और 'बस्तर पंडुम' जैसे आयोजन बदल रहे माहौल

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'बस्तर ओलंपिक' और 'बस्तर पंडुम' जैसे सांस्कृतिक और खेल आयोजन बस्तर की पहचान बन चुके हैं। इन आयोजनों ने यह साबित कर दिया है कि बस्तर के लोग शांति, कला और संस्कृति को अपनाना चाहते हैं – हिंसा को नहीं।

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युवाओं ने कहा – "हम बदलाव के वाहक बनेंगे"

बीजापुर से राजधानी रायपुर पहली बार पहुंचे युवा भावुक भी दिखे और उत्साही भी। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा: "हमने पहली बार राजधानी देखी है, यह अनुभव जीवन भर याद रहेगा। हम अपने गांवों में शिक्षा, खेल, सेवा और हुनर के माध्यम से बदलाव लाना चाहते हैं। हम 'नियद नेल्ला नार' योजना से जुड़कर एक नई पहचान और दिशा पा रहे हैं।"

उपस्थित रहे वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री का यह संवाद एक संदेश है – कि बस्तर अब हिंसा की नहीं, विकास और शांति की राह पर चल पड़ा है। नक्सलवाद के अंत की तैयारी अंतिम चरण में है और इसके केंद्र में हैं बस्तर के युवा, जिनकी भागीदारी से अब बदलेगा बस्तर, बदलेगा छत्तीसगढ़।

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