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छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा का गृह क्षेत्र है। यहां एक असामान्य घटनाक्रम ने प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक (SP) को पत्र लिखकर गंभीर चिंता जताई है।
इस पत्र में उन्होंने जिले की पुलिसिंग व्यवस्था पर सवाल उठाए, खासकर 15 और 19 अगस्त की रात उनके बंगले के घेराव की घटनाओं का जिक्र करते हुए। यह पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे कलेक्टर और SP के बीच तालमेल की कमी चर्चा का विषय बन गई है।
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कलेक्टर के पत्र से पुलिसिंग पर सवाल
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से जिले की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों की ओर इशारा किया है। उन्होंने लिखा कि 15 और 19 अगस्त की रात करीब डेढ़ बजे उनके आधिकारिक बंगले का कुछ लोगों ने घेराव किया। इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग टीम की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा, "रात में पेट्रोलिंग पार्टी क्या कर रही थी?"
कलेक्टर ने इस घटना को पुलिस की गंभीर लापरवाही करार दिया और मांग की कि उनके बंगले के आसपास आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यह पत्र न केवल प्रशासनिक तनाव को दर्शाता है, बल्कि जिले की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।
आखिर क्या है पूरी घटना?
इस पूरे मामले की शुरुआत 15 अगस्त को हुई, जब कवर्धा में आंधी और बारिश के दौरान बिजली गिरने से तीन बंदरों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने घायल बंदरों को पशु चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन वहां कोई पशु चिकित्सक मौजूद नहीं था।
पशु चिकित्सक का फोन बंद होने पर लोगों ने तहसीलदार और SDM से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन दोनों के फोन भी बंद मिले। उस समय कलेक्टर गोपाल वर्मा भी कवर्धा में मौजूद नहीं थे। नाराज स्थानीय लोगों ने रात डेढ़ बजे घायल बंदरों को लेकर कलेक्टर के बंगले के बाहर धरना दे दिया।
इस दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बनाया, जिसमें प्रशासन और कलेक्टर के खिलाफ नाराजगी जाहिर की गई। बाद में पुलिस को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद पेट्रोलिंग टीम ने तुरंत कार्रवाई की। रात में ही पशु चिकित्सक को उनके घर से बुलाकर घायल बंदरों का इलाज कराया गया।
कलेक्टर-SP तालमेल पर सवाल
कलेक्टर का यह पत्र न केवल सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि कलेक्टर और SP के बीच तालमेल की कमी को भी सामने लाता है। जिला कलेक्टर, जो जिले का मुख्य दंडाधिकारी होता है और सभी प्रशासनिक विभागों की जिम्मेदारी संभालता है, को अपनी सुरक्षा के लिए SP को पत्र लिखना पड़े, यह स्थिति अपने आप में गंभीर है। सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र ने स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का माहौल बना दिया है। कई लोग इसे प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय की कमी का प्रतीक मान रहे हैं।
गृह मंत्री के जिले में बढ़ा विवाद
यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कवर्धा गृह मंत्री विजय शर्मा का गृह जिला है। ऐसे में उनके क्षेत्र में कलेक्टर द्वारा पुलिसिंग पर सवाल उठाया जाना कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कवर्धा पहले भी सामाजिक और धार्मिक तनाव के लिए सुर्खियों में रहा है, और अब यह नया विवाद जिले की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य
कलेक्टर के पत्र के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि SP और पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। कलेक्टर के बंगले की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल उपाय किए जाने की संभावना है। साथ ही, इस घटना ने जिले में रात के समय पेट्रोलिंग और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत को उजागर किया है।
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