सुशासन में कमीशन,माननीय ने तय किया ठेके का स्लैब, 30 परसेंट लो,ठेका दो

एक तरफ तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सुशासन का सिस्टम बनाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ उनकी टीम के माननीय ही इसमें छेद कर रहे हैं। ये माननीय खुद के साथ ठेकेदारों की सेहत भी सुधार रहे हैं।

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Arun Tiwari
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Commission on good governance honorable decided slab of contracts
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छत्तीसगढ़ इन दिनों खूब चर्चा में है। एक तो यहां के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने एक तरफ जीत हासिल की है तो दूसरी तरफ प्रदेश में चल रहे कमीशन के खेल ने सूबे को मशहूर कर दिया है। यहां पर अफसरों से लेकर माननीय तक कमाने में लगे हुए हैं। जिन घोटालों की जांच चल रही है उनमें कई अफसरों के गले में कानून का फंदा डला हुआ है।

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यहां तक तो ठीक है लेकिन माननीय ने भी कमीशन का रेट फिक्स कर दिया है। विष्णु के सुशासन में विष्णु के ही माननीय 30 परसेंट में ठेका फिक्स करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी। 

ठेकेदारों की सेहत सुधार रहे माननीय

एक तरफ तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सुशासन का सिस्टम बनाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ उनकी टीम के माननीय ही इसमें छेद कर रहे हैं। ये माननीय खुद के साथ ठेकेदारों की सेहत भी सुधार रहे हैं। चूंकि छत्तीसगढ़ में सुशासन का दावा किया जाता है इसलिए माननीय ने भी ठेके में कमीशन का रेट फिक्स कर दिया है ताकि लेन देन में लोचा न हो। 

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सुशासन में कमीशन का स्लैब 30 फीसदी है। इस डील का टाइम भी फिक्स है। सुबह सुबह मंत्रीजी के बंगले पर सप्लायर पहुंच जाते हैं और तय हो जाती है डील। माननीय एक बार धोखा खा चुके हैँ इसलिए इस बार डील तय करने वाले की पूरी तलाशी ली जाती है। उसकी चेन,घड़ी,पेन और मोबाइल बाहर ही रख लिए जाते हैं।

लेकिन इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि यहां पर सबको फील गुड ही होता है। एक तरफ तो इस विभाग के ठेकों पर बवाल मचा हुआ है। सप्लायरों से लेकर सरकारी अधिकारी तक कानून के तराजू पर नप रहे हैं तो दूसरी तरफ मंत्रीजी मौज का काट रहे हैं। आपको बता दें कि यह वही माननीय हैं जो एक बार सरकार और संगठन की मेहरबानी से बाल-बाल बच चुके हैं। लेकिन साहब आदत है जो इतने जल्दी नहीं जाएगी।

 

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बाबा की 250 एकड़ में कपालभाति

इन दिनों बाबा खूब चर्चा में हैं क्योंकि प्रयाग में महाकुंभ चल रहा है। जहां पर नए पुराने हजारों बाबा इकट्ठे हैं। लेकिन हम प्रयाग वाले नहीं बल्कि योग वाले बाबा की बात कर रहे हैं। बाबा इन दिनों छत्तीसगढ़ सरकार को खूब प्राणायाम और कपालभाति करवा रहे हैं।

सरकार भी बाबा की खूब सेवा कर रही है। योग और आयुर्वेद के नाम पर बाबा को 250 एकड़ जमीन दी जा रही है। बाबा को यह जमीन बस्तर में आवंटित होने की खबर है। बाबा यहां पर च्वनप्राश की यूनिट लगाएंगे और योग का प्रचार प्रसार करेंगे।

च्वनप्राश में भी महुआ की महक होगी। बाबा का दावा है कि इस यूनिट से बड़ा रोजगार पैदा होगा जिसमें छत्तीसगढ़ के लोगों को ही मौका मिलेगा। बस फिर क्या था सरकार ने बाबा को जमीन दे दी। यानी तुम्हारी भी जय जय -हमारी भी जय जय। 

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मंत्रियों की छंटनी की तैयारी

नगर निगम चुनाव में बंपर जीत ने सीएम का कद दिल्ली दरबार में बढ़ा दिया है। चुनाव के बाद अब बारी मंत्रिमंडल विस्तार की है जा साल भर से टल रहा है। सीएम ने हाल ही में दिल्ली दौरा किया था। एक फोटो वायरल हुई जिसमें पीएम मोदी, सीएम का हाथ पकड़े हुए हैं।

इस फोटो के बहुत सारे मायने निकाले जा रहे हैं। उनके करीबी कहते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम को काम करने के लिए फ्री हैंड दे दिया है। यह फ्री हैंड मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए भी है। सीएम से यह कहा गया है कि वे क्षेत्रीय,जातीय और राजनीतिक संतुलन साधते हुए अपने मनपसंद विधायक को मंत्री बना सकते हैं वहीं यह भी कहा गया है कि यदि उनकी टीम में नॉन परफॉर्मर या कमीशनखोरी करने वाले मंत्री हैं तो उनको बाहर भी किया जा सकता है। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरु हो गई है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ की छंटनी भी हो सकती है। इस बात को लेकर मंत्रियों में कानाफूसी शुरु हो गई है।

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