ननों के पासपोर्ट जब्त और देश छोड़ने पर रोक, कल मिली थी NIA कोर्ट से जमानत

धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार की गईं केरल की दो ननों व एक अन्य को बिलासपुर की एनआईए स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने तीनों आरोपियों को 50-50 हजार के मुचलके पर बेल दे दी गई।

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Pravesh Shukla
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रायपुर। धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार की गईं केरल की दो ननों व एक अन्य को बिलासपुर की एनआईए स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है। अदालत ने तीनों आरोपियों को 50-50 हजार के मुचलके पर बेल दे दी गई।

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देनी होगी हाजिरी

कोर्ट ने इस शर्त पर आरोपियों को जमानत दी कि वो  देश नहीं छोड़ सकते, साथ ही उनका पासपोर्ट जमा रहेगा और जब भी पुलिस या जांच एजेंसी बुलाए, तो उन्हें हाजिरी देनी होगी।

राजीव चंद्रशेखर ने की मुलाकात

बता दें कि 25 जुलाई को  बजरंग दल की शिकायत पर RPF ने रेलवे स्टेशन से  नन प्रीति मेरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस, पास्टर सुखमन मंडावी को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि तीनों नारायणपुर की लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के लिए ले जा रहे थे।

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साथ में लेकर चर्च गए सांसद

 रिहाई के बाद केरल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर खुद जेल पहुंचे और दोनों ननों को अपनी गाड़ी में बैठाकर दुर्ग स्थित ज्योति चर्च ले गए।

स्पेशल कोर्ट में दायर की थी अर्जी

पहले दुर्ग के सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद तीनों आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अमृतो दास ने बिलासपुर की एनआईए स्पेशल कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की।

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धर्मांतरण के खिलाफ अंतिम लड़ाई: सीएम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विषणुदेव साय ने कहा कि धर्मांतरण, छत्तीसगढ़ के लिए एक कलंक है। इसे रोकने के लिए अंतिम लड़ाई जारी है। धर्मांतरण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

पीएम को किया आमंत्रित: सीएम

दिल्ली से वापस लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने बताया कि प्रदेश के अटल जयंती महोत्सव के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया है। इसके लिए उन्होंने सहमति भी दे दी है। मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम साय ने कहा कि इंतजार करिए बहुत जल्द होगा।

खबर को पांच प्वॉइंट में समझिए

जमानत मिली: केरल की दो ननों और एक पास्टर को धर्मांतरण व मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद बिलासपुर की NIA स्पेशल कोर्ट से 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई।

कोर्ट की शर्तें: कोर्ट ने शर्त रखी कि आरोपी देश नहीं छोड़ सकते, पासपोर्ट जमा रहेगा, और जब भी पुलिस या एजेंसी बुलाए, उन्हें हाजिरी देनी होगी।

गिरफ्तारी का कारण: 25 जुलाई को बजरंग दल की शिकायत पर नारायणपुर की लड़कियों को बहलाकर धर्मांतरण के लिए ले जाने के आरोप में दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने जेल जाकर ननों से मुलाकात की; सीएम विष्णुदेव साय ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कदमों की बात कही।

कांग्रेस का बयान: कांग्रेस विधायक रोजी एम जॉन ने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं था, गिरफ्तारी जबरदस्ती हुई और FIR को रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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कांग्रेस विधायक बोले- ठोस सबूत नहीं

कोर्ट ने साफ कहा है कि आरोप साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था। ये गिरफ्तारी जबरदस्ती की गई थी। अब हम अगला कदम एफआईआर को रद्द करवाने के लिए उठाएंगे। जिन्होंने अंदर भेजा, वही अब बाहर लाने आ रहे हैं। भाजपा का यह सिर्फ दिखावा है।
- रोजी एम जॉन, कांग्रेस विधायक, केरल

FAQ

सवाल 1: दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए लोगों पर क्या आरोप लगाए गए थे?
उत्तर: उनके ऊपर धर्मांतरण और मानव तस्करी का आरोप था। आरोप था कि वे नारायणपुर की लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के लिए ले जा रहे थे।
सवाल 2: कोर्ट ने किन शर्तों पर जमानत दी है?
उत्तर: कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। शर्तों में देश न छोड़ना, पासपोर्ट जमा करना और जांच एजेंसी या पुलिस के बुलावे पर हाजिर होना शामिल है।
सवाल 3: शुरू में जमानत याचिका कहाँ दायर की गई थी और क्या हुआ?
उत्तर: पहले दुर्ग सेशन कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद बिलासपुर की एनआईए स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की गई।
सवाल 4: प्रश्न 4: गिरफ्तार लोगों की रिहाई के बाद किस राजनीतिक नेता ने उनसे मुलाकात की?
उत्तर: केरल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने जेल जाकर मुलाकात की और उन्हें अपनी गाड़ी में दुर्ग स्थित ज्योति चर्च ले गए।
सवाल 5 : इस मामले पर मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक ने क्या कहा?
उत्तर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि धर्मांतरण छत्तीसगढ़ के लिए कलंक है और इसे रोकने के लिए अंतिम लड़ाई जारी है। वहीं, कांग्रेस विधायक रोजी एम जॉन ने कहा कि आरोप साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था और यह गिरफ्तारी जबरदस्ती की गई थी।

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