शिव शंकर सारथी, RAIPUR. Custom Milling Scam : प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने आज दो आधिकारिक ट्वीट के जरिए कस्टम राइस मिलिंग घोटाला के मुख्य आरोपी रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी की सूचना सार्वजनिक की है। यह घोटाला साल 2021-22 की खरीफ फसल के दौरान किया गया था। अनवर ढेबर जमानत की जी तोड़ कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे राहत कहीं से नहीं मिल रही है। उसकी जमानत खारिज कर दी गई है।
अनवर ढेबर की जमानत खारिज
अनवर ढेबर जमानत की जी तोड़ कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे राहत कहीं से नहीं मिल रही है। अनवर की तरह त्रिलोक सिंह ढिल्लन भी जमानत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुका है। दोनों ही आरोपियों को जमानत मिलना तो दूर की बात है। इन आरोपियों के लिए बुरी खबर ये है कि अदालत ने फिर से प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ की मंजूरी दी है। प्रवर्तन निदेशालय 27 से 31 मई तक रोज जेल जाएगी और शराब घोटाला के आरोपियों अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन से पूछताछ करेगी।
प्रवर्तन निदेशालय के दो ट्वीट
प्रवर्तन निदेशालय ने आज दो आधिकारिक ट्वीट के जरिए कस्टम राइस मिलिंग घोटाला के मुख्य आरोपी रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी की सूचना सार्वजनिक की है। यह घोटाला साल 2021-22 की खरीफ फसल के दौरान किया गया था। रोशन चंद्राकर छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष है। यह घोटाला लगभग 140 करोड़ का है। इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर जांच एजेंसी की पकड़ में आए हैं।
कस्टम मिलिंग घोटाला क्या है?
राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदती है। यह धान शासकीय गोदामों में आता है फिर इसके बाद धान, मिलिंग के लिए यह राइस मिलर्स को दिया जाता है। राइस मिलर्स एसोसिएशन एक बड़ी संस्था है। इस एसोसिएशन के लोग कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों से जुड़े हुए हैं। गृह, संस्कृति, PWD कृषि जैसे बीसियों मंत्रालय संभाल चुके बृजमोहन अग्रवाल (BJP) के भाई योगेश अग्रवाल भी राइस मिल एसोसिएशन में पदाधिकारी रहे हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक मार्कफेड के अधिकारियों ने उन्हीं मिलर्स को भुगतान किया, जिन्होंने प्रति क्विंटल 200 रुपए की रिश्वत दी। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल भी राइस मिलिंग के कारोबारी हैं। अब रोशन चंद्राकर और मनोज सोनी के बाद तीसरा आरोपी कौन, इस पर सबकी नजरें हैं।
आरोपियों के लिए आगे क्या
त्रिलोक सिंह की जमानत पर फैसला कल यानी शुक्रवार, 17 मई को होगा। अनवर ढेबर की जमानत का EOW ने कड़ा विरोध किया है। जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि आरोपी शातिर है, खराब तबीयत का आधार सिर्फ जमानत पाने के लिए किया जा रहा है। जांच एजेंसी के वकील ने मेडिकल रिपोर्ट को, मेडिकल बोर्ड से क्रॉस चेक करने की दलील दी है।