परीक्षा में लापरवाही और दुर्व्यवहार का गंभीर आरोप, प्रभारी DEO निलंबित

राज्य शासन ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एल.पी. पटेल को गंभीर कदाचार, परीक्षा कर्तव्यों में लापरवाही, और शासकीय अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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Harrison Masih
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राज्य शासन ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एल.पी. पटेल को गंभीर कदाचार, परीक्षा कर्तव्यों में लापरवाही, और शासकीय अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके निलंबन के साथ रायगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

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परीक्षा संचालन में मनमानी, उड़नदस्ता में बदलाव

राज्य शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षाएं मार्च 2025 में आयोजित की गई थीं। कलेक्टर के निर्देश पर परीक्षाओं की निगरानी के लिए जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल गठित किया गया था। परंतु एल.पी. पटेल ने कलेक्टर की अनुमति के बिना ही इस दल में संशोधन और परिवर्तन कर डाला, जो प्रशासनिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन माना गया है।

अभद्रता और धमकी के आरोप, कारण बताओ नोटिस का भी जवाब नहीं

पटेल पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन प्रभारी DEO के साथ गाली-गलौज, धमकी और वेतन रोकने जैसी प्रताड़नाएं कीं। इस मामले में जब कलेक्टर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, तब पटेल द्वारा प्रस्तुत जवाब असंतोषजनक पाया गया।

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कदाचार का आरोप, नियमों का उल्लंघन

राज्य शासन ने स्पष्ट किया कि पटेल का यह व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के तहत कदाचार की श्रेणी में आता है। इस पर उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय बिलासपुर स्थित संभागीय शिक्षा कार्यालय नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

जूनियर शिक्षकों को बचाने सीनियर को बनाया गया अतिशेष

एल.पी. पटेल पर युक्तियुक्तकरण नीति में भी भेदभाव करने का आरोप लगा है। उन्होंने सीनियर शिक्षकों को अतिशेष की सूची में डालते हुए जूनियर और परिवीक्षा अवधि में चल रहे शिक्षकों को बचाया। विकासखंड बिलाईगढ़ से 26 सहायक शिक्षकों की सूची भेजी गई थी जो नियमितीकरण के योग्य थे, पर डीईओ ने जानबूझकर आदेश जारी नहीं किया।

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निलंबित पत्नी की मनमानी पदस्थापना

एक और चौंकाने वाला आरोप एल.पी. पटेल पर यह है कि उन्होंने अपनी निलंबित पत्नी की पोस्टिंग आदेश में खुद संशोधन करते हुए उसे स्वामी आत्मानंद स्कूल में पदस्थापित करा दिया। यह कार्य बिना अधिकार क्षेत्र के किया गया, जो नियम विरुद्ध है।

शिक्षा विभाग में लगातार आ रही अनियमितताओं की शिकायतों को देखते हुए शासन अब सख्त रुख अपना रहा है। एल.पी. पटेल के निलंबन को भी इसी सख्ती का हिस्सा माना जा रहा है। इस कार्रवाई से साफ संकेत है कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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