जन्म से पहले बीमारियों की पहचान, सिम्स में खुलेगा छत्तीसगढ़ का पहला जेनेटिक सेंटर

genetic center open in SIMS : छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सिम्स) में छत्तीसगढ़ का पहला जेनेटिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है।

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Kanak Durga Jha
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genetic center open in SIMS : छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सिम्स) में छत्तीसगढ़ का पहला जेनेटिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक लैब अनुवांशिक बीमारियों की समय पर पहचान, निदान और व्यक्तिगत चिकित्सा में मददगार साबित होगा। इस लैब से छत्तीसगढ़ के साथ पूरे पूर्वी और मध्य भारत के मरीजों को लाभ होगा।

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 जन्म से पहले ही बीमारियों की पहचान कर सकेंगे

प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से फैले सिकलसेल रोग की सही और समय पर पहचान में यह लैब अहम भूमिका निभाएगी। गर्भवती महिलाओं की सिकलसेल की जेनेटिक जांच से जन्म से पहले ही भ्रूण में रोग की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा।

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इससे समय रहते परामर्श और उपचार शुरू किया जा सकेगा। इसके अलावा थैलेसीमिया, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, इनबॉर्न एरर ऑफ मेटाबॉलिज्म और कैंसर से जुड़ी अनुवांशिक गड़बड़ियों की भी जांच इस सेंटर में संभव होगी। यह केंद्र केवल मरीजों के इलाज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी के डॉक्टरों, रिसर्च स्कॉलर्स और मेडिकल छात्रों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र भी बनेगा।

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स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा गया प्रस्ताव सिम्स के बायोकेमिस्ट्री विभाग में बनने वाली इस जीनोमिक्स लैब के लिए परियोजना प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है और स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत निगम ने बताया कि यह प्रदेश की सबसे उन्नत तकनीकों से युक्त लैब होगी।

राज्य कैंसर संस्थान को भी मिलेगा लाभ 

कोनी स्थित प्रस्तावित राज्य कैंसर संस्थान को भी यह जेनेटिक सेंटर अनुवांशिक स्तर पर कैंसर जांच में सहयोग देगा। इससे कैंसर के इलाज में भी समय की बचत और बेहतर परिणाम संभव हो सकेंगे। यह केंद्र आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को पर्सनलाइज्ड मेडिसिन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित होगा।

हर मरीज के लिए अलग इलाज 

यह लैब भविष्य की चिकित्सा प्रणाली पर्सनलाइज्ड मेडिसिन और टार्गेटेड थैरेपी के लिए आधारशिला बनेगी। खासकर कैंसर जैसे रोगों में टार्गेटेड थैरेपी बेहद प्रभावशाली है, जहां मरीज की जीनिक संरचना को समझकर खास दवाएं दी जाती हैं, जो सिर्फ रोगग्रस्त कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं।

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