गरियाबंद पुलिस ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बलौदाबाजार में पदस्थ विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता कुलेश्वर साहू को धोखाधड़ी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। अभियंता पर आरोप है कि उसने गरियाबंद में पदस्थापना के दौरान नौकरी लगाने के नाम पर 60 लाख रुपए की ठगी की थी।
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ये है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुलेश्वर साहू ने पाण्डुका थाना क्षेत्र के निवासी महेंद्र साहू से संपर्क कर उसके कई रिश्तेदारों को सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। इसके बदले में उसने किस्तों में 60 लाख रुपए वसूले। रकम देने के बाद जब पीड़ितों ने नियुक्ति प्रक्रिया के तहत संबंधित विभागों में संपर्क किया तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी हैं।
ऑनलाइन सट्टा बना वजह
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी कुलेश्वर साहू को ऑनलाइन सट्टा (जुआ) खेलने की लत लग चुकी थी। उसने ठगी से प्राप्त बड़ी रकम सट्टे में गंवा दी थी, जिससे वह रकम वापस नहीं कर पा रहा था। एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि आरोपी पर बीएनएस की धारा 318(4), 336(3), 338, 340(2) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
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बरामदगी और आगे की जांच
पुलिस ने आरोपी के बलौदाबाजार स्थित निवास से 40 हजार नकद, एक लैपटॉप, प्रिंटर और बोलेरो वाहन जब्त किया है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि पाण्डुका के अलावा किन-किन इलाकों में उसने और लोगों से ठगी की है।
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पीड़ितों की लंबी जद्दोजहद
पीड़ित महेंद्र साहू ने बताया कि तीन साल तक वे और उनके रिश्तेदार झूठे वादों के चलते फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे। जब कोई जवाब नहीं मिला और ठगे जाने का अहसास हुआ, तब जाकर 14 मई को पाण्डुका थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
यह मामला न सिर्फ सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग सत्ता का दुरुपयोग कर भोले-भाले लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद कर रहे हैं।
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