कोंडागांव। नियमितीकरण की मांग को लेकर बस्तर अंचल के चतुर्थ वर्ग कर्मचारी एक बार फिर आंदोलित हैं। इसी क्रम में कर्मचारियों ने कोंडागांव के बनियागांव से रायपुर विधानसभा की ओर पदयात्रा शुरू की है। इनका कहना है कि वे 300 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर रायपुर पहुंचेंगे और वहां सरकार के सामने अपनी मांगों को रखेंगे। आंदोलनकारी कर्मचारियों का कहना है कि,अगर राजधानी पहुंचने के बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
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बच्चों को गोद में लेकर चल रही महिलाएं
बता दें कि इस पदयात्रा में कई महिलाएं शामिल हैं, अपने छोटे बच्चों को गोद में उठाए हुए चल रही है, तो कुछ महिलाएं उंगली पकड़कर बच्चों के साथ चल रही हैं। कंधों पर सामान और पैरों में छाले लिए कर्मचारी कड़ी धूप और बारिश में भी राजधानी तक पहुंचने का संकल्प लेकर निकले हैं।
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मांग नहीं माने जाने पर पदयात्रा
बता दें कि, इन्हीं कर्मचारियों ने 1 मई को जगदलपुर से रायपुर तक पदयात्रा की शुरुआत की थी। उस वक्त अफसरों ने आश्वासन देकर आंदोलन को बनियागांव में रोक दिया था। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी जब मांग को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ तो कर्मचारी संघ ने अब दोबारा पदयात्रा शुरू की।
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कुछ कर्मचारियों को ही मिला फायदा
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आत्मानंद मौर्य का कहना है कि, साल 2014 और 2018 में बड़ी संख्या में कर्मचारी भर्ती किए गए थे, जिनमें से ज्यादातर अब भी अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों को नियमित वेतनमान मिला है, जबकि बड़ी संख्या कर्मचारी आज भी इससे वंचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार समान कार्य के बदले समान वेतन और स्थायित्व देने में नाकाम रही है।
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सरकार को दी चेतावनी
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर राजधानी पहुंचने पर भी सरकारी की ओर से उनकी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया तो वे विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे। कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से शीघ्र हस्तक्षेप कर मांगों पर फैसला लेने की अपील की है।
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