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छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश-ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। आंध्रप्रदेश के अल्लुरी सीताराम राजू जिले के मोडरपल्ली इलाके में ग्रे हाउंड कमांडोज ने एक मुठभेड़ में खूंखार नक्सली कमांडर गजराला रवि को मार गिराया। रवि के साथ-साथ दो अन्य नक्सली, जिनमें साउथ जोनल कमेटी (SZC) की सदस्य अरुणा भी शामिल थी, इस ऑपरेशन में ढेर हो गए। मुठभेड़ में तीन एके-47 राइफलें भी बरामद की गई हैं।
कौन था गजराला रवि?
गजराला रवि नक्सली संगठन का केंद्रीय सैन्य आयोग (सेंट्रल मिलिट्री कमीशन) का सदस्य और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) का सचिव था। वह छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। रवि पर कई बड़े हमलों की साजिश रचने और सुरक्षा बलों पर हमले करवाने का आरोप था। उसकी मौत को नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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अरुणा और तीसरे नक्सली की पहचान
मुठभेड़ में मारी गई अरुणा साउथ जोनल कमेटी की सक्रिय सदस्य थी और जनवरी 2025 में गरियाबंद (छत्तीसगढ़) में मारे गए सेंट्रल कमेटी (CC) सदस्य चलपति की पत्नी थी। तीसरे नक्सली की पहचान अभी जाहिर नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार वह भी नक्सली संगठन का महत्वपूर्ण सदस्य था।
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ऐसे शुरू हुई मुठभेड़
आंध्रप्रदेश पुलिस के विशेष बल ग्रे हाउंड को खुफिया जानकारी मिली थी कि मोडरपल्ली के जंगली इलाके में नक्सली कमांडर रवि अपने दस्ते के साथ मौजूद है। इसके आधार पर कमांडोज ने इलाके की घेराबंदी की। रात के अंधेरे में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। करीब एक घंटे तक चली इस भारी गोलीबारी में तीन नक्सली मारे गए। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें तीन एके-47 राइफलें, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद हुई।
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पुलिस की पुष्टि
अल्लुरी सीताराम राजू जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित बरदार ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा, "गजराला रवि और अरुणा जैसे बड़े नक्सली नेताओं का खात्मा क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हमारी टीमें लगातार नक्सली गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।"
नक्सलियों के लिए करारा झटका
गजराला रवि और अरुणा की मौत से नक्सली संगठन की कमर टूटने की संभावना जताई जा रही है। रवि का AOBSZC में अहम रोल था और वह संगठन के लिए नए कैडर भर्ती करने और हमलों की योजना बनाने में माहिर था। इस मुठभेड़ से न केवल नक्सलियों की रणनीति को झटका लगा है, बल्कि सुरक्षा बलों का मनोबल भी बढ़ा है।
मुठभेड़ के बाद जंगल में भाग गए नक्सली
पुलिस और सुरक्षा बल इलाके में तलाशी अभियान तेज कर चुके हैं। आशंका है कि कुछ नक्सली मुठभेड़ के बाद जंगल में भाग गए हों। साथ ही, खुफिया एजेंसियां नक्सली संगठन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा और शांति की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं।
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