अरुण तिवारी @ RAIPUR. मानवता को शर्मशार करने वाली घटना ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ को बदनाम किया है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ( Government hospital ) के मर्चुरी में 4 साल से 3 शव पड़े है जो अब कंकाल बन गए हैं। बताया गया है कि यह शव कोविड काल के दौरान के हैं। घटना शर्मसार इसलिए कही जा रही है, क्योंकि इन तीन शवों की जानकारी प्रशासन को है। बावजूद इसके इन शवों की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। ना ही इनका अंतिम संस्कार कराया गया। हालांकि मृतकों में से किसी के परिजनों ने भी अस्पताल में कोई क्लेम भी नहीं किया।
ये खबर भी पढ़िए..छत्तीसगढ़ की सियासत का स्कैम और स्कैंडल से पुराना नाता, अबकी बार महादेव सट्टा ऐप
द सूत्र को मिले तीन साल पुराने पत्र
द सूत्र को कंकाल बने शवों के बारे में तीन साल पुराने पत्र मिले हैं। जिनमें मृतकों के बारे में जानकारी है। तीन लाशों में से एक महिला की लाश भी शामिल है। जिनका नाम दुकलहीन बाई है जिनकी उम्र 43 वर्ष है, वहीं एक शव का नाम जबार सिंह है जो एक प्राइवेट अस्पताल में कोविड से मृत होने के बाद अंबेडकर अस्पताल भेजे गए थे। जबार सिंह मध्यप्रदेश के रहने वाले बताए गए है। एक शव का नाम पंकज है जो कोविड से मृत होने के बाद प्राइवेट अस्पताल से सरकारी अस्पताल के मर्चुरी में भेजे गए थे।
ये खबर भी पढ़िए..code of conduct लगने के बाद दो करोड़ नगद-ज्वेलरी और मादक पदार्थ जब्त
सूचना के बावजूद प्रशासन ने बरती लापरवाही
इन ऐसा नहीं है कि लाशों के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन के पास सूचना नहीं दी गई हो। अस्पताल प्रबंधन कि तरफ से 29 अगस्त 2022 को जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी लिखा गया था। यह पत्र भी न्यूज़ स्टेट के पास है। इतना सब होने के बाद भी प्रशासन अब तक जाग नहीं पाया है। बल्कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अभी भी कहा जा रहा है कि हम एक बार फिर प्रशासन को पत्र लिखेंगे।
ये खबर भी पढ़िए...Chhattisgar : शिक्षा विभाग में ट्रांसफर की फाइलें लापता
ये खबर भी पढ़िए..बृजमोहन बोले- अभी तो एक FIR, कई घोटाले बाकी, कांग्रेस बोली- ये चरित्र हनन की सियासत