छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिससे राज्य सरकार को सालाना 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। दरअसल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1.5 लाख विद्यार्थियों की डुप्लीकेट एंट्री ( duplicate entries of students ) पाई गई है। सत्र 2023-24 में ही इन फर्जी एंट्री की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग को 730 करोड़ का नुकसान हो गया।
केंद्र के नए सिस्टम से हुआ खुलासा
छत्तीसगढ़ के स्कूल में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा केंद्र सरकार की यू-डाइस प्रणाली ( UDISE )से हुआ। यू-डाइस का मतलब यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली)। यह देश के सभी सरकारी स्कूलों को एक यूनिक नंबर देता है। इस सिस्टम से सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती है। साल 2021-22 तक इस सिस्टम में सिर्फ छात्रों की संख्या भरनी होती थी। 2022-23 से इसमें बदलाव हुए। इसमें छात्रों के नाम के साथ उनकी एंट्री भी अनिवार्य की गई। जब स्कूल छात्रों की एंट्री कराने में असफल रहे तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा होना शुरू हो गया।
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पूरे देश में ऐसे हालात
सरकारी स्कूलों में फर्जी एंट्री के मामले देशभर से सामने आ रहे हैं। इसी समस्या का समाधान करने के लिए छात्रों की एंट्री का प्रावधान लाया गया था। ऐसे में छत्तीसगढ़ में पाई गई इस गड़बड़ी के लिए किसी प्राचार्य या स्कूल प्रबंधन को दोषी मानकर दंड नहीं दिया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में पंजीकृत 40 लाख विद्यार्थियों में से 1.5 लाख एंट्री फर्जी पाई गई थी।
नई एंट्री में इस तरह की गड़बड़ियां नहीं हो रही है। नई एंट्री में मॉनिटरिंग सिस्टम के हिसाब से हो रही है। इसके डेटा को स्कूल के प्राचार्य फिर बीईओ और फिर डीईओ द्वारा वेरीफाई किया जाता है।
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