खैरागढ़ के ग्राम सिघौरी में एक किसान द्वारा मुख्य सड़क को खोदकर खेत में तब्दील कर देने का मामला सामने आया है। इससे लगभग 20 गांवों का सीधा संपर्क मार्ग बाधित हो गया है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों को अब 8 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
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हर साल दोहराता है यही हरकत
किसान आनंद राम वर्मा ने इस साल भी बुआई से पहले सड़क को जोत दिया और उसे खेती के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई पहली बार नहीं है। आनंद राम हर साल यही करता है, जिससे आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है।
ग्रामीणों का कहना है कि आनंद राम ने पहले इस जमीन को दान पत्र के जरिए सार्वजनिक उपयोग के लिए दान किया था, बावजूद इसके वह बार-बार उस पर दावा कर उसे जोतता है।
किसान का दावा: नहीं मिला मुआवजा
वहीं दूसरी ओर, आनंद राम वर्मा का कहना है कि सड़क उसके निजी खेत से होकर बनाई गई थी, जिसके बदले उसे आज तक मुआवजा नहीं मिला। मुआवजा न मिलने से नाराज होकर वह हर साल सड़क को जोतकर खेती करता है। उनका कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, वह यही करता रहेगा।
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3 करोड़ की सड़क बनी खेत, सरकार की लागत बर्बाद
सड़क जिस पर यह विवाद हो रहा है, वह छत्तीसगढ़ शासन के अधोसंरचना विकास योजना के तहत छग रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGRIDC) द्वारा बनाई गई थी।
कुल लंबाई: 3.70 किलोमीटर
लागत: 3 करोड़ रुपए से अधिक
काम: सड़क चौड़ीकरण, मजबूतीकरण, पुल-पुलिया निर्माण
अब यह महंगी सड़क खेती की ज़मीन में तब्दील हो चुकी है, जिससे शासन की लाखों की लागत व्यर्थ होती दिख रही है।
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प्रशासन बेखबर, ग्रामीणों में गुस्सा
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले ही इस पूरी स्थिति की जानकारी एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू को दी थी, लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। इस लापरवाही से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही आवागमन बहाल नहीं किया गया और किसान पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे चक्काजाम जैसे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की मांग:
तत्काल सड़क की मरम्मत हो
जिम्मेदार किसान पर कानूनी कार्रवाई की जाए
प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचे और स्थायी समाधान निकाले
यह मामला व्यक्तिगत हित बनाम सार्वजनिक सुविधा की टकराहट का गंभीर उदाहरण है, जहां शासन, प्रशासन और नागरिकों की लापरवाही से करोड़ों की सरकारी योजना अधर में लटक गई है।
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