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रायपुर। केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने बस्तर में जंगलों की कटाई को लेकर मंगलवार को शायराना अंदाज में बयान दिया था। उन्होंने तुकबंदी भरे अंदाज में कहा था कि, अगर जंगल में कोई कर रहा कटाई, तो करनी पड़ेगी पिटाई। इस दौरान उन्होंने जंगलों की अवैध कटाई नहीं होने की भी बात कही थी। ऐसे में जब जानकारी जुटाई गई तो, कई चौकाने वाली बातें सामने आईं।
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हजारों पेड़ों की बलि
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की तुमनार तहसील के मुड़गांव और सरायटोला गांव में 26 और 27 जून को इसके के 75 एकड़ जमीन पर कम से कम 5 हजार पेड़ काटे गए। इन पेड़ों को गारे प्लामा सेक्टर II कोयला ब्लॉक में अडानी ग्रुप की कोयला खदान स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की गई । इस बात की जानकारी स्थानीय लोगों से मिली है।
गांववालों के पास था वन अधिकार पट्टा
गांववालों ने पेड़ों की कटाई के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया था । जानकारी के मुताबिक शासन की ओर से इस इलाके में रह रहे लोगों को वन शासन की ओर से वन अधिकार पट्टा दे दिया गया था। जिस वजह से भूमि अधिग्रहण का काम पूरा किए बिना इन पोड़ों को काटने का अधिकार किसी को नहीं था।
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रद्द की गई थी मंजूरी
एनजीटी ने पर्यवरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जुलाई 2022 को महाजेनको को दी गई पर्यावरण मंजूरी को रद्द कर दिया था। इस फैसले में NGT ने कई चिंताओं का हवाला दिया था। एक अनुमान के अनुसार इस खदान से कम से कम 655 मिलियन मीट्रिक टन कोयला मिलेगा । इस परियोजना से सीधे तौर र 14 गांव प्रभावित होंगे। पेड़ों की कटाई के विरोध में स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
धड़ल्ले से जारी है अवैध कटाई
वहीं सुकमा जिले के कोंटा के गोलापल्ली वन परिक्षेत्र में बेशकीमती लकड़ियों की कटाई का काम तेजी से चल रहा है। तेलंगाना के आसा मिल मालिक लगातार जंगलों को साफ कर रहे हैं और वन विभाग हाथ में हाथ धरे बैठा है। जानकारी के मुताबिक गोलापल्ली से खम्मम तक फर्नीचर बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। जिस वजह से सागौन के जंगल लगातार साफ होते जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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निलगिरी के पेड़ों की अवैध कटाई
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में राजस्व की जमीन पर लगे निलगिरी के पेड़ों को अवैध तरीके से काटा जा रहा है। यह कटाई इतने बड़े पैमाने पर की जा रही है। जानकारी के मुताबिक सरगुजा जिले में पिछले कुछ महीनों से अवैध कटाई का दौर जारी है। दरअसल निलगिरी के पेड़ों को किसानों से खरीदकर काटा जा रहा है। यह काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। कटाई के बाद इन पेड़ों को कटाई के बाद ट्रकों में लोड करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। पेड़ की कटाई और परिवहन करने के लिए स्थानीय प्रशासन से कोई परमिशन नहीं ली गई।
मंत्री के दावों की खुली पोल
केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को रायपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ में पेड़ों की कटाई नहीं होने का दावा किया था। लेकिन जब इसकी पड़ताल की गई तो अवैध कटाई के कई मामले सामने आए। जिससे यह सवाल उठता है कि क्या मंत्री जी वाकई ग्राउंड लेवल की जानकारी थी, या फिर उन्होंने बस यू हीं यह बात कह दी थी।
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