भानपुरी चिड़ियाघर का किसानों ने किया विरोध, अपनी जमीन नहीं देने की कही बात

छत्तीसगढ़ में वन मंत्री के गृह क्षेत्र भानपुरी में ग्रामीण किसानों ने चिड़ियाघर निर्माण का विरोध किया। उनकी मांग है कि भूमि को नहीं लिया जाए, क्योंकि यह उनकी आजीविका का साधन है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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Bhanpuri Sanctury
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Chhatisgarh News: छत्तीसगढ़ के जल संसाधन और वन मंत्री केदार कश्यप के गृह क्षेत्र भानपुरी में छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा प्रस्तावित चिड़ियाघर (अभ्यारण) को लेकर क्षेत्रीय किसानों ने विरोध किया है। इन किसानों का कहना है कि सन 1980 में कोसारटेडा बांध के निर्माण के कारण उन्हें अपनी भूमि से विस्थापित कर दिया गया था और अब वही जमीन एक बार फिर चिड़ियाघर बनाने के नाम पर छीनी जा रही है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह भूमि उन्हें विस्थापन के दौरान दी गई थी और उस समय सरकार ने उन्हें वन अधिकार पट्टा भी दिया था। अब चिड़ियाघर के निर्माण से उनकी खेतीबाड़ी की जमीन खत्म हो जाएगी, जो उनकी आय का प्रमुख स्रोत है। इसके विरोध में उन्होंने बस्तर कलेक्टर से मिलने के लिए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और सर्वे का कार्य रुकवाने की मांग की।

विस्थापन का है इतिहास

भानपुरी वन क्षेत्र में सालेमेटा खड़गा, छुरावंड, जामगांव और कमेला पंचायत के ग्रामीणों को 1980 में कोसारटेडा बांध के जलाशय के डूबान क्षेत्र से विस्थापित किया गया था। इन ग्रामीणों को पुनर्वास के रूप में भूमि दी गई थी, और उनके द्वारा यहां कृषि गतिविधियां जारी हैं। अब, चिड़ियाघर के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर सर्वे कार्य किया जा रहा है, और इस भूमि पर भी उनका अधिकार खतरे में है।

चिड़ियाघर निर्माण के खिलाफ किसानों का संगठित विरोध

पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि यह जमीन वे पिछले 45 वर्षों से कृषि कार्य के लिए उपयोग कर रहे हैं। उनके द्वारा प्राप्त वन अधिकार पट्टा के तहत यह भूमि उन्हें दी गई थी। अब, चिड़ियाघर के निर्माण के नाम पर उन्हें अपनी भूमि से बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है और राज्यपाल से इस परियोजना को रद्द करने की मांग की है।

अपर कलेक्टर की प्रतिक्रिया और अगले कदम

बस्तर के अपर कलेक्टर सी.पी बघेल ने प्रभावित किसानों से बातचीत की और कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि वन विभाग से यह जानकारी ली जा रही है कि चिड़ियाघर के लिए प्रस्तावित क्षेत्र कौन सा है। फिलहाल राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन को स्वीकार कर लिया गया है और मामले की समीक्षा की जा रही है।

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भानपुरी और बस्तर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना

बस्तर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिसमें सरकारी रिसॉर्ट्स और होमस्टे का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, भानपुरी के कोसारटेडा बांध के पास रिसॉर्ट और पार्क का निर्माण पहले से ही चल रहा है। इसी बीच, वन विभाग ने क्षेत्र के वन क्षेत्र में चिड़ियाघर बनाने के लिए सर्वे कार्य शुरू किया है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय किसानों में असंतोष और विरोध बढ़ गया है।

FAQ

ग्रामीण किसानों ने भानपुरी चिड़ियाघर निर्माण का विरोध क्यों किया?
ग्रामीणों का कहना है कि चिड़ियाघर बनाने से उनकी खेती की भूमि छीन ली जाएगी, जो उन्हें विस्थापन के दौरान सरकार ने दी थी। इसके अलावा, उन्हें वन अधिकार पट्टा भी प्रदान किया गया था।
पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने प्रभावित किसानों के साथ मिलकर बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और राज्यपाल से इस परियोजना को रद्द करने की मांग की है।
इस परियोजना के विरोध में क्या कदम उठाए गए हैं?
किसानों ने सर्वे कार्य रुकवाने और चिड़ियाघर के लिए दूसरी भूमि का चयन करने की मांग की है। उन्होंने बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है।

 

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