अरुण तिवारी@ RAIPUR. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद विष्णुदेव मंत्रिमंडल ( Vishnudev cabinet ) में फेरबदल तय है। कैबिनेट में दो सीटें खाली हैं जिन पर ताजपोशी होनी है। बाकी दो मंत्री इस फेरबदल की चपेट में आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो दो मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया जा सकता है। इनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। ये सब कुछ होगा लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर। चुनाव में जिन मंत्रियों का परफार्मेंस खराब रहा है उनको हटाया जाएगा। साथ ही जिन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के दाग हैं या कामकाज बेहतर नहीं है,उनको भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। अमित शाह ने सभी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बुलवा लिया है। अब बस चुनाव के नतीजों का इंतजार है और उसके बाद शाह की कैंची नॉन परफॉर्मर मंत्रियों पर चलनी तय है।
इन मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड पर नजर
दयालदास बघेल, खाद्य
केदार कश्यप, वन
लखनलाल देवांगन, उद्योग
श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य
लक्ष्मी राजवाड़े, महिला एवं बाल विकास
टंकराम वर्मा, खेल
यह मंत्री सेफ
विष्णुदेव साय की कैबिनेट के कुछ मंत्री बिल्कुल सुरक्षित माने जा सकते हैं। इन उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और कृषि मंत्री रामविचार नेताम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व इन मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट है। साथ ही राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों के हिसाब से भी इनको कैबिनेट में शामिल रखा जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व मानता है कि अभी नई सरकार को तीन महीने ही हुए हैं और इस बीच आचार संहिता भी लग गई है इसलिए बड़े पद वाले मंत्रियों को अपनी परफॉर्मेंस के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
इन तीन नेताओं की दावेदारी सबसे ज्यादा
बृजमोहन अग्रवाल यदि चुनाव जीतते हैं तो उनको विधायकी और मंत्री पद छोड़ना होगा। बृजमोहन के पास राज्य में संसदीय कार्य, स्कूल शिक्षा,उच्च शिक्षा, पर्यटन,संस्कृति और धर्मस्व जैसे बड़े और अहम विभाग हैं। कैबिनेट में एक पद पहले से खाली है और एक बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हो जाएगा। जिन वरिष्ठ विधायकों के मंत्री बनने की चर्चा है उनमें राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और अमर अग्रवाल के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। दो पदों पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। इनमें महिला चेहरा भी शामिल हो सकता है।
कैबिनेट का समीकरण
छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं इस हिसाब से मंत्रिमंडल में सीएम और मंत्रियों समेत कुल 14 सदस्य हो सकते है। अभी सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट में 12 मंत्री शामिल हैं। यानी एक मंत्री और बनाने की गुंजाइश है। वहीं बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद कैबिनेट में दो सदस्य शामिल किए जा सकते हैं। इसके अलावा यदि मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाता है तो परफॉर्मेंस के आधार एक या दो पदों पर भी मंत्रियों को बदला जा सकता है। बीजेपी टास्क अचीवर मंत्रियों को ही कैबिनेट में लेना चाहती है। और यही कारण है कि अमित शाह ने साफ कह दिया है कि मंत्रिमंडल में रहने के लिए परफॉर्मेँस ही प्रमुख आधार होगा।