छत्तीसगढ़ के मेडिकल स्टूडेंट्स का हक मार रही सरकार

Chhattisgarh Government : एक सरकारी नियम ने मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ धोखा कर दिया है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में राज्य के छात्रों के लिए 50 फीसदी कोटा है।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
government snatching rights medical students
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Chhattisgarh Government : छत्तीसगढ़ सरकार अपने ही छात्रों का हक मार रही है। एक सरकारी नियम ने मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ धोखा कर दिया है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में राज्य के छात्रों के लिए 50 फीसदी कोटा है। यह कोटा पीजी छात्रों के लिए है। इस कोटे में छत्तीसगढ़ के छात्र ही एडमिशन ले सकते हैं। लेकिन यहां पर गजब हो रहा है।

इस कोटे में दूसरे प्रदेशों के छात्रों का भी एडमिशन हो रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकारी अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम की व्याख्या अपने तरीके से कर लेते हैं। जबकि दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य यूपी और महाराष्ट्र में बहुत स्पष्ट तरीके से नियमों में लिखा है कि सिर्फ प्रदेश के छात्र ही स्टेट कोटा में एडमिशन ले सकेंगे। तो फिर छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों आइए आपको बताते हैं पूरा माजरा क्या है।

 
कोटा छत्तीसगढ़ का एडमिशन ले रहे बाहरी 

एक तरफ तो छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कमी है उपर से उन पर दोहरी मार पड़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार का एक सरकारी नियम प्रदेश के छात्रों का हक मार रहा है। छत्तीसगढ़ में संचालित मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस करने वाले छात्रों को आगे की पढ़ाई यानी पीजी करने के लिए राज्य सरकार पचास फीसदी कोटा देती है। यानी वे मेडिकल कॉलेज जो प्रदेश सरकार से संबंधित हैं,उन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र यह पचास फीसदी स्टेट कोटे के हकदार होंगे।

लेकिन यहां पर कुछ अलग ही नियम चल रहा है। इस स्टेट कोटे में राज्य के बाहर के छात्रों का भी पीजी में एडमिशन हो रहा है। ये वे छात्र हैं जो छत्तीसगढ़ के एम्स से एमबीबीएस की डिग्री ले चुके होते हैं। एम्स में एमबीबीएस करने वाले छात्र अधिकांश दूसरे प्रदेशों से होते हैं। एम्स केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान है इसलिए इसमें देशभर के छात्रों को एडमिशन मिलता है। और यही छात्र पीजी के लिए यहां के कॉलेजों में 50 फीसदी कोटे का फायदा उठा लेते हैं और यहां के छात्रों की सीटों पर बाहरी छात्रों का कब्जा हो जाता है।  

Chhattisgarh | Doctors पर दोहरी मार, बाहरी छात्र ले रहे छत्तीसगढ़ का कोटा !


आखिर ऐसा क्यों हो रहा है

यह पूरी गफलत सरकार के नियम में है। सूत्रों की मानें तो नियम बनाने वाले अफसरों ने दूसरे राज्यों के अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह गफलत पैदा की है। सरकारी नियम यह है कि राज्य कोटे से उन मेडिकल स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा जिन्होंने प्रदेश में स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया हो। इस नियम का फायदा उठाकर बाहरी छात्रों का एडमिशन स्टेट कोटे से हो जाता है क्योंकि एम्स तो छत्तीसगढ़ में ही स्थित है भले ही उसका प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है न कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास।

 

मेडिकल स्टूडेंट्स का विरोध यहीं पर है। वे कहते हैँ कि एम्स केंद्र सरकार का संस्थान है तो उसमें पढ़ने वाले छात्र देश के अलग अलग राज्यों के होते हैं तो उनको छत्तीसगढ़ के स्टेट कोटे से फायदा कैसे दिया जा सकता है। सिर्फ छत्तीसगढ़ सरकार के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को ही यह फायदा मिलना चाहिए।

ऐसे करें धनतेरस की पूजा...उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घ आयु का मिलेगा लाभ

मेडिकल स्टूडेंट की मांग इसलिए भी है क्योंकि उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और उड़ीसा जैसे पड़ोसी राज्यों में भी यही रुल है। वहां पर स्टेट कोटे से एम्स के स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं मिलता क्योंकि उन्होंने अपने नियमों में यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार के अंतरगत संचालित मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को ही स्टेट कोटे से एडमिशन मिलेगा। छत्तीसगढ़ में इसी चूक का फायदा दूसरे राज्यों के स्टूडेंट उठा रहे हैं। 

 

प्रदेश के छात्रों को बांड, बाहरी बिल्कुल फ्री

अब देखिए इस नियम की दूसरी मुश्किल जो छत्तीसगढ़ के छात्र उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के छात्रों को एमबीबीएस करने के बाद दो साल का बांड भरना पड़ता है। इस बांड के तहत दो साल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना मजबूरी है। पीजी करने के लिए उनको 25 लाख की संपत्ति सरकार के पास गिरवी रखनी पड़ती है।

पीजी के बाद फिर दो साल ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना जरुरी है। यानी यहां के डॉक्टर कुल चार साल की सेवा सरकार के मुताबिक देंगे। वहीं एम्स के स्टूडेंट को एमबीबीएस के बाद कोई बांड नहीं भरना पड़ता यानी उनको गांवों में सरकार के हिसाब से डॉक्टरी करने की कोई बाध्यता नहीं है। वे बांड से बिल्कुल फ्री हैं। वे स्टेट कोटे से पीजी भी करते हैं और बांड भी नहीं भरते। 

CG NEWS | आखिरकार जारी हो गया SI भर्ती का रिजल्ट | 959 उम्मीदवार सिलेक्ट


सरकार से मांगा हक

अब यहां के मेडिकल स्टूडेंट ने सरकार से अपना हक मांगा है। उन्होंने मांग की है कि दूसरे राज्यों की तरह उनके राज्य में भी यहीं के मेडिकल स्टूडेंट को पचास फीसदी का स्टेट कोटा दिया जाए। ताकि उन पर दोहरी मार न पड़े और उनको अपना हक मिल सके।

रायपुर कलेक्टर के ADC ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखी ऐसी बातें

cg news in hindi chhattisgarh news in hindi chhattisgarh news update cg news hindi छत्तीसगढ़ cg news hindi cg news update CG News Chhattisgarh news today cg news today Chhattisgarh News