कैदियों के पाप धुलाने जेल में महाकुंभ के जल से स्नान करा रही सरकार
prisoners Maha Kumbh snan : छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को गंगा स्नान करवाया जा रहा है। इसके लिए प्रयागराज से जल मंगवाया गया है। ये महाकुंभ का जल है।
छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को गंगा स्नान करवाया जा रहा है। इसके लिए प्रयागराज से जल मंगवाया गया है। ये महाकुंभ का जल है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कैदियों को गंगा स्नान करवाया जा रहा है।
हर व्यक्ति में अच्छे संस्कार संस्कृति जरूरी है। 144 साल बाद महाकुंभ हो रहा है, कैदियों को भी इच्छा होती होगी, इसलिए ये किया जा रहा है। अंबिकापुर के रास्ते रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर की जेल में गंगाजल भेजा जाएगा।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ की जेलों में जितने कैदी हैं, वे महाकुंभ नहीं जा सकते हैं। लेकिन उनके मन में भी महाकुंभ स्नान करने की इच्छा है, ऐसे में वहां से गंगा जल लाकर प्रदेश के सभी जेलों में 25 फरवरी को कैदियों का सामूहिक गंगा स्नान कराया जाएगा। 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में 25 फरवरी को गंगा जल से सामूहिक स्नान करवाया जाएगा।
गृहमंत्री शर्मा ने कहा, "संस्कार हमारी संस्कृति से जुड़े हैं और यह हमारी परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। समाज में सुधार और पुनर्वास की भावना के तहत यह निर्णय लिया गया है, जिससे कैदियों में आत्मशुद्धि और नैतिकता के भाव उत्पन्न होंगे। महाकुंभ का हर व्यक्ति को लाभ उठाने का अधिकार है। इसी सोच के तहत जेलों में बंद कैदियों को भी इस आध्यात्मिक अवसर से जोड़ा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को गंगा स्नान क्यों करवाया जा रहा है?
छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को गंगा स्नान करवाने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि वे महाकुंभ के आध्यात्मिक लाभ से वंचित न रहें। जेलों में बंद कैदियों के लिए प्रयागराज से गंगाजल मंगवाया गया है, जिससे 25 फरवरी को प्रदेश की सभी जेलों में सामूहिक स्नान करवाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की किन-किन जेलों में गंगा जल से स्नान करवाया जाएगा?
छत्तीसगढ़ के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में 25 फरवरी को कैदियों को गंगा जल से सामूहिक स्नान करवाया जाएगा। इनमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और अंबिकापुर की जेलें शामिल हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस आयोजन को लेकर क्या कहा?
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि संस्कार और संस्कृति का पालन हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। महाकुंभ हर 144 साल बाद आता है, और कैदियों के मन में भी इसमें स्नान करने की इच्छा हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गंगाजल मंगवाकर कैदियों के सामूहिक स्नान की व्यवस्था की है, जिससे उनमें आत्मशुद्धि और नैतिकता की भावना जाग्रत हो।