आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह ( IPS GP Singh ) के साथ कारोबारी से वसूली के मामले में आरोपी बनाए गए उद्योगपति रणजीत सिंह सैनी भी बरी हो गए हैं। उन्हें हाईकोर्ट ने राहत दी है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ साल 2021 में सुपेला पुलिस थाने में दर्ज FIR को खारिज कर दिया है। इस मामले में IPS GP Singh के खिलाफ दर्ज FIR को पहले ही खारिज किया जा चुका है।
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इस आधार पर कोर्ट ने खारीज की FIR
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच ने रणजीत सिंह सैनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु पांडेय के तर्कों को सुनने के बाद फैसला देते हुए बेंच ने माना कि समान आरोप पर इस न्यायालय ने सह-अभियुक्त IPS GP Singh के खिलाफ FIR को पहले ही खारिज कर दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ता को भी यही लाभ दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता किसी उच्च पद पर नहीं है। ऐसे में अभियोजन पक्ष का पूरा मामला फर्जी प्रतीत होता है। ऐसे में सुपेला थाना में 27 जुलाई 21 को दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए।
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जीपी सिंह को फिर IPS का रुतबा, आ रहे रायपुर
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर को आदेश जारी कर आईपीएस जीपी सिंह को पुन: सेवा में बहाल कर दिया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है। 20 जुलाई 2023 को पारित निलंबन आदेश को खारिज करते हुए उसी दिनांक से पद पर बहाल किया है।
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गृह मंत्रालय का आदेश जारी
बता दें कि बैच 1994 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह (जीपी सिंह) को 20 जुलाई 2023 गृह मंत्रालय के आदेश के तहत सेवानिवृत्त किया गया था। इसके आईपीएस ने कैट में चुनौती दी। CAT ने 10 अप्रैल 2024 गृह मंत्रालय का आदेश रद्द करते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने और सभी लाभ देने के निर्देश दिए।
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गृह मंत्रालय ने CAT के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की, जिसे 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया।