करोड़ों की GST चोरी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार: दुर्ग के गुटखा कारोबारी गुरमुख का काला कारोबार सामने आया

दुर्ग के कुख्यात गुटखा कारोबारी गुरमुख जुमनानी को ₹10 करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया। इस लेख में छापेमारी, गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई का विस्तृत विश्लेषण शामिल है।

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Sanjay Dhiman
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gutkha king of durg

Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) शहर में एक बड़ा और सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। यहां के चर्चित गुटखा कारोबारी गुरमुख जुमनानी (Gurmukh Jumnani) को राज्य जीएसटी (State GST) की टीम ने करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी (tax evasion) के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

यह गिरफ्तारी रायपुर (Raipur) से हुई है, जहां जुमनानी लगभग एक महीने से फरार चल रहा था। इस कार्रवाई ने प्रदेश में अवैध गुटखा (illegal gutkha) कारोबार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस पूरे मामले की तह तक जाकर हम जानेंगे कि आखिर यह गिरफ्तारी कैसे हुई और इसमें कौन-कौन से राज छिपे हैं। 

पान मसाला व्यापारी के यहां जीएसटी छापा

यह पूरा मामला तब सुर्खियों में आया जब दुर्ग के कोनारी वार्ड (Konari Ward) में एक तेल फैक्ट्री की आड़ में अवैध गुटखा निर्माण का खुलासा हुआ। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं औषधि विभाग (Food and Drug Department) की टीम ने यहां दबिश देकर करोड़ों रुपए की सुपारी और अन्य सामग्री बरामद की।

इस कार्रवाई ने जुमनानी के अवैध कारोबार की पोल खोल दी। इसके बाद ही जीएसटी (GST) विभाग सक्रिय हुआ और उसने अपनी जांच तेज करते हुए गुरमुख जुमनानी के नेटवर्क पर नज़र रखनी शुरू कर दी। यह एक तरह की चेतावनी थी कि अब एजेंसियां बड़े स्तर पर कार्रवाई करेंगी।

इस जांच में जुमनानी के ठिकानों की पहचान की गई, जिनमें गनियारी गांव स्थित उसकी गुटखा फैक्ट्री मुख्य थी। इस फैक्ट्री से बड़े पैमाने पर अवैध गुटखा का उत्पादन और व्यापार हो रहा था, जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा था। यह एक संगठित अपराध (organized crime) की तरह चल रहा था, जहां कच्चा माल बिना बिल के आता था और तैयार माल बिना इनवॉइस के बाजार में बेचा जाता था।

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गनियारी और राजनांदगांव में जीएसटी की छापेमारी 

खाद्य विभाग की कार्रवाई के लगभग एक महीने बाद, राज्य जीएसटी (State GST) ने एक साथ दो ठिकानों पर छापा मारा: पहला गनियारी स्थित सितार गुटखा फैक्ट्री (Sitar Gutkha Factory) और दूसरा राजनांदगांव (Rajnandgaon) में उसके अन्य ठिकाने। बताया जाता है कि गनियारी फैक्ट्री में जीएसटी टीम ने किसी फिल्मी सीन की तरह दीवार फांदकर एंट्री ली थी। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि टीम को यह पता था कि मुख्य गेट से जाने पर सबूत नष्ट हो सकते हैं।

इस छापेमारी में टीम को भारी मात्रा में अवैध गुटखा का स्टॉक (illegal gutkha stock) मिला। यहीं पर टैक्स चोरी का बड़ा खुलासा हुआ। शुरुआती जांच में ही यह सामने आ गया कि जुमनानी ने व्यवस्थित तरीके से कर चोरी (tax evasion) की है। कच्चा माल बिना बिल (without bill) के मंगाया जाता था और तैयार माल की सप्लाई भी बिना इनवॉइस (without invoice) के की जाती थी। इससे सरकार के खजाने को भारी नुकसान हो रहा था। 

टैक्स चोरी का तरीका 

  • कच्चे माल की खरीद: जुमनानी कच्चे माल, जैसे कि सुपारी और तंबाकू, को बिना किसी कानूनी बिल या चालान के खरीदते थे। इससे वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) का लाभ नहीं लेते थे और खरीद पर लगने वाले जीएसटी (GST) से बचते थे।

  • अवैध उत्पादन: फैक्ट्री में गुटखा का उत्पादन गैर-कानूनी तरीके से होता था और इसका कोई भी रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं होता था।

  • बिना बिल की बिक्री: तैयार माल को बाजार में बिना किसी बिल या इनवॉइस के बेचा जाता था। इससे जीएसटी (GST) का भुगतान करने से बचा जाता था।

  • नकली कंपनियां: जांच में यह भी पता चला है कि जुमनानी ने कुछ नकली कंपनियां (fake companies) भी बनाई थीं, जिनके माध्यम से वह कागज़ों पर लेन-देन दिखाता था, लेकिन असली व्यापार अवैध रूप से होता था।

करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा 

जांच एजेंसियों ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में बताया कि गुरमुख जुमनानी (Gurmukh Jumnani) ने ₹10 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी (GST theft) की है। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि पूछताछ और आगे की जांच में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। यह रकम सिर्फ एक गुटखा फैक्ट्री से जुड़ी है। अगर उसके पूरे नेटवर्क और अन्य ठिकानों की जांच की जाए तो यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है। 

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छत्तीसगढ में गुटखा कारोबारी की गिरफ्तारी को ऐसे समझें 

दुर्ग के गुटखा कारोबारी की गिरफ्तारी: चर्चित गुटखा कारोबारी गुरमुख जुमनानी को राज्य जीएसटी (GST) टीम ने रायपुर से गिरफ्तार किया है।

10 करोड़ से ज़्यादा की टैक्स चोरी: जुमनानी पर ₹10 करोड़ से अधिक की GST टैक्स चोरी का आरोप है। यह चोरी बिना बिल के कच्चा माल खरीदने और बिना इनवाइस के गुटखा बेचने से की गई।

फिल्मी स्टाइल में छापा: जीएसटी टीम ने गनियारी में जुमनानी की सितार गुटखा फैक्ट्री पर फिल्मी अंदाज में दीवार फांदकर एंट्री ली थी, जहाँ से अवैध स्टॉक और टैक्स चोरी का खुलासा हुआ।

एक महीने से था फरार: कोनारी वार्ड में तेल फैक्ट्री की आड़ में अवैध गुटखा निर्माण का खुलासा होने के बाद से ही जुमनानी फरार चल रहा था।

आगे की कार्रवाई: पूछताछ में जुमनानी ने कुछ और सहयोगियों के नाम बताए हैं, जिनके ठिकानों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

एक महीने तक फरार रहने के बाद गिरफ्तारी

छापेमारी के तुरंत बाद से ही गुरमुख जुमनानी (Gurmukh Jumnani) फरार हो गया था। राज्य जीएसटी की टीम उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए थी। उन्होंने रायपुर और अन्य संभावित ठिकानों पर उसकी तलाश की। आखिरकार, एक महीने की लंबी खोजबीन के बाद उसे रायपुर (Raipur) से गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी जीएसटी (GST) विभाग के लिए एक बड़ी सफलता है। 

गिरफ्तारी के बाद जुमनानी से लगातार पूछताछ की जा रही है। शुरुआती पूछताछ में उसने कुछ अन्य सहयोगियों (associates) के नाम भी बताए हैं, जो इस अवैध कारोबार में शामिल थे। जांच एजेंसियां अब उन ठिकानों और सहयोगियों पर भी कार्रवाई की तैयारी में हैं, जिससे इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।

क्या हैं आगे की कार्रवाई? 

अधिकारियों ने बताया कि जुमनानी से मिली जानकारी के आधार पर इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों पर भी जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। यह कार्रवाई सिर्फ जुमनानी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे प्रदेश में अवैध गुटखा (illegal gutkha) के कारोबार को रोकना है। इस तरह के मामलों से न सिर्फ सरकार को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य (public health) को भी खतरा होता है।

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