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रायपुर : छत्तीसगढ़ में बिना काम के पगार ले रहे स्कूल के 15 हजार से ज्यादा हेडमास्टर,लेक्चचरर और शिक्षकों को सरकार ने काम पर लगा दिया है। इसके अलावा बिना पढ़ाई के चल रहे साढ़े दस हजार स्कूलों को भी दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। सरकार की युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और नए शिक्षा सत्र में पढ़ाई भी शुरु हो चुकी है।
लेकिन क्या सरकार की युक्ति पूरी तरह से काम आई है, यह सवाल आज भी खड़ा है। क्योंकि सिर्फ युक्ति से काम नहीं चलेगा सरकार को नियुक्ति भी करनी पड़ेगी। आज भी स्कूलों में 25 हजार पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली होंगे तो पढ़ाई सिर्फ युक्ति से कैसे मुकम्मल होगी। देखिए युक्तियुक्तकरण के बाद द सूत्र की पड़ताल करती खबर युक्ति नहीं नियुक्ति कीजिए सरकार।
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कितनी काम आई सरकार की युक्ति
स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने के बाद सरकार की युक्ति कितनी काम आई है, यह सवाल बरकरार है। यह सवाल इसलिए है क्योंकि इस पर पूरे प्रदेश से ढाई हजार आपत्तियां आई हैं और सात जिलों से शिकायतें भी आई हैं। सरकार ने युक्ति से बिना काम के वेतन ले रहे 15 हजार से ज्यादा प्रिंसिपल,लेक्चरर,प्राइमरी और मिडिल के हेडमास्टर और शिक्षकों को काम पर लगा दिया है।
इनको जिलों के अंदर ही उन स्कूलों में भेजा है जहां पर शिक्षक नहीं थे या फिर एक ही शिक्षक पदस्थ थे। वहीं साढ़े 10 हजार स्कूलों को आपस में मर्ज कर दिया गया है। लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या खाली पदों को लेकर है। अभी भी स्कूलों में 25 हजार से ज्यादा पद खाली हैं जिनमें प्रिंसिपल से लेकर टीचर तक शामिल हैं।
दरअसल बिना शिक्षक वाले स्कूलों में एक शिक्षक देना और एक शिक्षक वाले स्कूलों में दो शिक्षक पदस्थ करना इस समस्या हल नहीं है यह सिर्फ खानापूर्ति ही नजर आती है। सरकार को नियुक्ति की युक्ति निकालनी पड़ेगी तब जाकर कहीं स्कूलों में पढ़ाई लिखाई की उम्मीद की जा सकती है।
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प्रदेश में इतने स्कूल
प्राथमिक स्कूल - 30726
पूर्व माध्यमिक स्कूल - 13085
हाईस्कूल - 1872
हायर सेकंडरी स्कूल - 2876
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में ये हुआ
एकल शिक्षकीय 4428 में एक से ज्यादा शिक्षक पदस्थ किए गए।
शिक्षक विहीन 447 स्कूलों में शिक्षक पदस्थ किए गए, अब प्रदेश में एक भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है।
15165 खाली पदों की पूर्ति सरप्लस टीचर से की गई।
10538 स्कूलों को मर्ज किया गया।
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बिना काम के इन सरप्लस शिक्षकों को काम पर लगाया
प्राचार्य - 8
लेक्चरर - 2582
हेड मास्टर मिडिल - 117
शिक्षक - 3562
हेड मास्टर प्राइमरी - 341
सहायक शिक्षक - 8495
कुल - 15105
इतने स्कूल मर्ज किए गए
प्राइमरी स्कूल - 8488
मिडिल स्कूल - 2036
हाई स्कूल - 10
हायर सेकंडरी स्कूल - 4
कुल - 10538 स्कूल
इतने हैं खाली पद
प्राचार्य - 3443
व्याख्याता - 6773
प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक - 2984
शिक्षक - 4750
प्रधान पाठक प्राथमिक शाला - 1533
सहायक शिक्षक - 6424
कुल : 25907
सरकार ने किसी भी शिक्षक का जिले से बाहर ट्रांसफर नहीं किया है। सबसे ज्यादा बिना काम के शिक्षक रायपुर में पदस्थ थे। वहीं सबसे ज्यादा स्कूल रायगढ़ और कांकेर में मर्ज किए गए हैं। जिन जिलों से शिकायतें आई हैं उनमें जांजगीर, दुर्ग, सारंगढ़, दंतेवाड़ा, सूरजपुर, गरियाबंद और मनेंद्रगढ़ शामिल हैं। इन सारी बातों का मतलब सिर्फ एक है कि पढ़ाई लिखाई सुधारनी है तो युक्ति नहीं नियुक्ति कीजिए सरकार।
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