/sootr/media/media_files/2025/08/13/health-department-kidney-patients-payment-without-tender-2025-08-13-16-57-25.jpg)
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी रोगियों की मदद के लिए शुरू की गई एंबुलेंस सेवा घोटाले की भेंट चढ़ गई है। जहां एक तरफ किडनी पीड़ितों और उनके परिवारों की जिंदगी संकट में है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बिना निविदा के एंबुलेंस सेवा के नाम पर लाखों रुपये की उगाही में जुटे हैं। नए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) की नियुक्ति के बाद इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ, जिसमें बिना अनुबंध के एक फर्म को 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया।
खराब रास्ते और कीचड़ में फंसी एंबुलेंस, वक्त पर इलाज नहीं मिलने से महिला की मौत
महंगी एंबुलेंस सेवा का सच
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सुपेबेड़ा में किडनी रोगियों के लिए एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी, लेकिन यह सेवा बेहद खर्चीली साबित हुई। रायपुर की एक ट्रैवल्स कंपनी को बिना निविदा के एंबुलेंस संचालन का ठेका दिया गया, जिसे प्रति माह 1.05 लाख रुपये (52.5 रुपये प्रति किमी) की दर से भुगतान तय किया गया। यह दर सामान्य से ढाई गुना अधिक थी। अन्य फर्मों के अनुसार, एक बोलरो एंबुलेंस का किराया ड्राइवर सहित अधिकतम 65 हजार रुपये मासिक होता है, जबकि गरियाबंद में स्थानीय स्तर पर यह 45 हजार रुपये तक है। फिर भी, रायपुर की फर्म को मुंहमांगी कीमत पर ठेका दिया गया।
छत्तीसगढ़ में VVIP कल्चर की मार, ट्रैफिक जाम में फंसी रही एंबुलेंस, जोखिम में मरीजों की जान
बिना अनुबंध के भुगतान, स्टांप पेपर पर करार
पूर्व सीएमएचओ के कार्यकाल में इस फर्म ने भुगतान की गारंटी के लिए स्टांप पेपर पर करार किया था। सुपेबेड़ा के अलावा एक अन्य वाहन सीएमएचओ कार्यालय में भी लगाया गया था। 13 माह की सेवा के लिए फर्म ने 15 लाख रुपये से अधिक का दावा किया, जिसमें से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के बजट से 10 लाख रुपये का भुगतान भी हो चुका है। नए सीएमएचओ यूके नवरत्न ने इस अनियमितता पर रोक लगाते हुए महंगी एंबुलेंस सेवा को बंद कर दिया।
Mock drill के दौरान चलेंगी सिर्फ एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां | खाना भी नहीं मिलेगा !
खटारा एंबुलेंस से खतरे में मरीजों की जान
जिले में हाल ही में पांच नई एंबुलेंस आईं, लेकिन सुपेबेड़ा के लिए भेजी गई सरकारी मिनी एंबुलेंस 2 लाख किमी चल चुकी है और इसकी हालत जर्जर है। इसमें स्टेपनी तक नहीं है, जिसके कारण आपात स्थिति में लंबी दूरी तय करने में चालक भी डर रहे हैं।
अब इलाज के अभाव से नहीं होगी मौत... कुरूद में बनेगा 100 बिस्तरों वाला अस्पताल
सीएमएचओ का जवाब: जानकारी डीपीएम के पास
नए सीएमएचओ यूके नवरत्न ने नई एंबुलेंस की व्यवस्था की पुष्टि की, लेकिन पुरानी एंबुलेंस सेवा और भुगतान के सवालों पर टालमटोल करते हुए कहा कि जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) के पास पूरी जानकारी है और उनके लौटने पर जवाब दिया जाएगा।
नियमों की अनदेखी, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बजट और खर्च के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं, लेकिन बिना अनुबंध और निविदा के किए गए इस भुगतान ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और किडनी पीड़ितों को बेहतर सुविधाएं कब मिल पाएंगी।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्सऔरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापनऔरक्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
108 एंबुलेंस सेवा | CG News | बिना निविदा भुगतान