हार्ट अटैक जान के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। कुछ ही क्षणों में इसके चलते लोगों की जान चली जाती है। राजधानी रायपुर में हार्ट अटैक से डॉक्टरों ने एक युवक की जान बचा ली ( treatment by heart attack )। इसके लिए युवक की नसों में अल्कोहल भी इंजेक्ट किया गया। मामला रायपुर के भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल ( bhimrao ambedkar memorial hospital ) का है।
अनोखी बीमारी से पीड़ित था युवक
रायपुर के भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल में हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी बिमारी का एक युवक आया। इस बीमारी में दिल की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती है। इस स्थिति में दिल को शरीर में खून पंप करने में दिक्कत होती है। इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते। जिसके कारण इसका आसानी से पता नहीं लगता। इस बीमारी में व्यक्ति की दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है जिससे जान का भी खतरा रहता है।
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नसों में अल्कोहल के इंजेक्शन से हार्ट अटैक
अनोखी बीमारी से पीड़ित युवक को अल्कोहल का इंजेक्शन देकर बचाया गया। दरअसल, युवक को नसों में इंजेक्शन के माध्यम से अल्कोहल दिया गया। जिससे उसे कृत्रिम हार्ट अटैक आया।
यह एक मेडिकल प्रक्रिया है। इसे अल्कोहल सेप्टल कहा जाता है। इस प्रक्रिया से लाया जाने वाला हार्ट अटैक नियंत्रित क्षमता का रहता है। इस प्रक्रिया से बिना सर्जरी हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी बिमारी का इलाज कर मरीज की जान बचा ली गई।
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अल्कोहल सेप्टल प्रक्रिया क्या है ?
हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के इलाज के लिए अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन की प्रक्रिया की जाती है। यह इस बीमारी का एक नॉन-सर्जिकल इलाज है। इस प्रक्रिया को कैथेटर के सहारे किया जाता है। कैथेटर के सिरे पर एक गुब्बारा होता है। इसमें एक्स-रे और इकोकार्डियोग्राफी के जरिए नसों में अल्कोहल की थोड़ी मात्रा डाली जाती है। यह अल्कोहल दिल की कुछ मांसपेशियों की कोशिकाओं को सिकोड़ देता है। इससे दिल से होने वाला ब्लड फ्लो बेहतर हो जाता है। साथ ही बिना सर्जरी बीमारी का इलाज सफलता से हो जाता है। हार्ट अटैक से जान बचाने का यह अनोखा तरीका है।
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