छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पदस्थ स्टेनोग्राफर अरविंद यादव की पत्नी ज्योति यादव की आत्महत्या के मामले में अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई है। यह मामला घरेलू प्रताड़ना और दहेज के अत्याचार का है, जहां ज्योति के ससुराल पक्ष ने उसे लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया, जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
जानिए क्या है पूरा मामला
ज्योति यादव का विवाह 2020 में अरविंद यादव से हुआ था। शादी में ज्योति के पिता ने 11 लाख रुपये नकद और अन्य उपहार दिए थे, लेकिन इसके बावजूद ससुराल पक्ष ने एक चारपहिया वाहन (स्विफ्ट डिजायर) की मांग की। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो ज्योति को ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा। ज्योति के पिता के अनुसार, शादी के बाद भी सास के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, लेकिन फिर भी प्रताड़ना नहीं रुकी। 5-6 अक्टूबर 2020 की रात ज्योति ने ससुराल पक्ष की इस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
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न्यायालय का फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि ज्योति को कार की मांग पूरी न होने पर मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई थीं। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पति अरविंद यादव को सात साल की सजा सुनाई, जबकि सास कुसुम यादव, ससुर राजाराम यादव और ननद वंदना यादव को दो-दो साल की सजा और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इस फैसले के बाद दहेज प्रताड़ना के खिलाफ न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो इस गंभीर सामाजिक मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
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