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छत्तीसगढ़ के भूगोल से जुड़ा दशकों पुराना भ्रम अब खत्म हो गया है। दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला पर्वत श्रृंखला में स्थित नंदीराज पर्वत को राज्य की सबसे ऊंची चोटी घोषित किया गया है। पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी, रायपुर के भूगोल विभाग की एक रिसर्च ने इस तथ्य को स्पष्ट कर दिया है, जिससे वर्षों से चली आ रही उलझन का अंत हुआ है।
भ्रम की स्थिति और रिसर्च की जरूरत
अब तक सामान्य ज्ञान की किताबों, प्रतियोगी परीक्षाओं और ऑनलाइन स्रोतों में देवथानी, गौरलाटा, बदरगढ़ और अन्य चोटियों को छत्तीसगढ़ का सर्वोच्च शिखर बताया जाता रहा। इससे छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति थी। इस भ्रम को दूर करने के लिए भूगोल विशेषज्ञों की एक टीम ने गहन अध्ययन किया।
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रिसर्च ने खोला राज
डॉ. पुरुषोत्तम लाल चंद्राकर, सहायक प्राध्यापक टिके सिंह और देहरादून के सीएसआईआर के जेआरएफ दीपक चंद्राकर की अगुवाई में रिसर्च टीम ने सर्वे ऑफ इंडिया और जीपीएस तकनीक का उपयोग कर विभिन्न चोटियों की ऊंचाई मापी। नतीजों ने साबित किया कि नंदीराज पर्वत (1276 मीटर) छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी है। इसके बाद बलरामपुर के सामरी पाट क्षेत्र की गौरलाटा चोटी (1225 मीटर) को दूसरा स्थान मिला।
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छत्तीसगढ़ की प्रमुख चोटियां
रिसर्च के आधार पर राज्य की प्रमुख चोटियों की सूची इस प्रकार हैं।
नंदीराज, बैलाडीला (दंतेवाड़ा) - 1276 मीटर
गौरलाटा, सामरी पाट (बलरामपुर) - 1225 मीटर
जशपुर पाट, बीरजुडीह (जशपुर) - 1123 मीटर
देवधानी, राजमेरगढ़ (जीपीएम) - 1125 मीटर
चांगभखार, देवगढ़ (कोरिया) - 1086 मीटर
छुरी-उदयपुर (कोरबा) - 1045 मीटर
अबूझमाड़, टोडानार शिखर (नारायणपुर) - 1013 मीटर
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पुरानी भ्रांतियों का अंत
पहले मेकल पर्वत श्रृंखला की चोटियों जैसे लिलवानी (1125 मीटर), बाइमनगढ़ (1127 मीटर) और बदरगढ़ (1176 मीटर) को सर्वोच्च बताया जाता था। लेकिन यह जानकारी अपूर्ण थी। नई रिसर्च ने इन भ्रांतियों को दूर कर नंदीराज पर्वत को शीर्ष पर स्थापित किया।
छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर
डॉ. पीएल. चंद्राकर ने कहा, “छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से भूगोल से जुड़े तथ्यों पर भ्रम बना हुआ था। यह रिसर्च छात्रों, शोधकर्ताओं और आमजन के लिए सटीक जानकारी प्रदान करेगी।” यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ के भूगोल को समझने में मदद करेगी, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी एक विश्वसनीय स्रोत बनेगी।
इस रिसर्च ने न केवल भौगोलिक तथ्यों को स्पष्ट किया है, बल्कि छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक वैभव को भी सामने लाया है। नंदीराज पर्वत के सर्वोच्च शिखर के रूप में स्थापित होने से अब यह चोटी पर्यटन और शोध के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकती है।
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