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छत्तीसगढ़ के लगभग हर जिले में पिछले चार दिन से भारी बारिश हो रही है। बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए हैं। सड़कों पर पानी भर गया है। बलौदाबाजार और इसके आस-पास के इलाकों में खेत पानी में डूब गए हैं। वहीं कोरबा के देवप्रहरी वॉटर फॉल में अचानक जल स्तर बढ़ने से छह युवक-युवतियां फंस गए। जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।
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भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद और कांकेर में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही रायपुर, धमतरी, कोरबा, महासमुंद, रायगढ़, मुंगेली सहित 15 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। बीजापुर, कोंडागांव और बस्तर में भी भारी बारिश का यलो अलर्ट है। इसके साथ ही सरगुजा संभाग के छह जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिर गिरने का अलर्ट है। सोमवार को लगातार बारिश से बिलासपुर में कई इलाके डूब गए। नालियों का पानी सड़कों पर आ गया।
वाटरफॉल में फंसे पर्यटक
कोरबा के देवप्रहरी वाटरफॉल में तीन युवती और 2 युवक जलप्रपात घूमने गए थे। ये लोग सेल्फी पाइंट के पास मौजूद थे, इसी दौरान अचानक जलस्तर बढ़ गया। जिससे मौके पर चीख-पुकार मच गई। पर्यटकों की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने सभी को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
अब तक इतनी हुई बारिश
छत्तीसगढ़ में 1 जून से 7 जुलाई के बीच अब तक 291.9 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 447.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 113.7 मिमी पानी बरसा है।
सामान्य से कम बारिश
मानसून के इस सीजन में राजनांदगांव में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से अब तक जिले में मात्र 94 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह औसत से 60% कम है। जबकि अब तक औसत 214 मिमी बारिश हो जानी थी।
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लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून थी। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी।
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सावधानी बरतने की जरूरत
बरसात के मौसम में जब भी झरने या फिर नदी के किनारे घूमने जाएं तो उस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि ऐसे स्थान पर अचानक कभी भी जलस्तर बढ़ सकता है। जिस वजह से वहां मौजूद लोग मुसीबत में फंस सकते हैं।
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