पुणे में हाल ही में नेशनल डिफेंस एकेडमी की पासिंग आउट परेड हुई। इस सैन्य इंस्टीट्यूट में सीना ताने छत्तीसगढ़ के देवेंद्र साहू भी मार्च पास्ट कर रहे थे। पासिंग आउट परेड पुणे के खडगवासला स्थित NDA परिसर में हुई। रिटायर्ड सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने परेड की सलामी ली। उन्होंने कैडेट्स को प्रेसिडेंट्स अवॉर्ड दिए। इसी के साथ भिलाई के देवेंद्र अब भारतीय नौ सेना में लेफ्टिनेंट बन चुके हैं।
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5 से 6 घंटे पढ़कर की तैयारी
देवेंद्र ने बताया- 10वीं के बाद मैंने सोच लिया था कि NDA में जाना है। मैंने स्कूल में टॉप किया था, बाकी के साथी जेईई या नीट करने में लगे थे। मैंने पता किया और NDA की जानकारी ली। ऐसा लगा कि मुझे ऑफिस वर्क वाली जिंदगी नहीं चाहिए थी। जो लाइफ स्टाइल फौज देती है वो पंसद आई, तो तैयारी शुरू की।
सीनियर्स ने गाइड किया एनडीए में कि कौन सी सेना को चुना जाए तो नेवी का वर्क कल्चर देखते हुए नेवी को ही अपने विकल्प में चुना। पांच से छ: घंटे की पढ़ाई की। पहले ही अटेंप्ट में कामयाबी मिली।
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इंग्लिश कमजोर थी तो मिरर के सामने प्रैक्टिस की
देवेंद्र ने बताया- मेरी स्कूलिंग रिसाली भिलाई CBSE स्कूल से हुई। फौज में सारे काम अंग्रेजी में ही होते हैं, सीनियर्स के साथ अंग्रेजी में बात करना होता है, वो फौज की प्रिफर्ड भाषा है। मेरी इंग्लिश स्ट्रॉन्ग नहीं थी, ग्रामर की गलती करता था। तो इसके लिए मैं अंग्रेजी के अखबार पढ़ता था, मिरर के सामने अंग्रेजी की बुक पढ़ता था।
फेस के एक्सप्रेशन देखता था, किन शब्दों में कैसे बात कर रहा हूं, पता चलता था। मिरर के सामने 15 से 20 मिनट प्रैक्टिस करता था। फोन में अपनी बात रिकॉर्ड करता था, बाद में देखता था तो मिस्टेक पता चलती है। ऐसे मुझे पता चला तो ठीक किया खुद को।
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टेबल एटिकेट सीखे
देवेंद्र ने बताया- ऑफिसर के जैसी क्वॉलिटी हमारे अंदर डेवलप की जाती है, वहां नाइफ फोक से खाने का कल्चर है। हमारे घर पर नहीं है। जो खाना है उसे वैसे ही पूरी तहजीब से खाना है। नॉनवेज वेज सब। हमें सीनियर अलॉट होते हैं, वो हमें मेंटॉर करते हैं।
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