Human trafficking gangs target tribal girls : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके की सीमा से एक आदिवासी लड़की को छत्तीसगढ़ की कोंडागांव पुलिस ने बचाया है। उसे पीओके बॉर्डर के नजदीक गांव में शाहिद आलम ने छिपाकर रखा था। आरोपी के मोबाइल फोन में बस्तर संभाग की 63 आदिवासी लड़कियों के नंबर मिले। ये नबर नाम बदलकर सेव किए गए हैं। मोबाइल फोन में अश्लील फोटो-वीडियो भी मिले हैं।
260 से अधिक लड़कियां झांसे में आईं
कोंडागांव पुलिस की स्पेशल टीम की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार 260 से अधिक लड़कियां ऐसे ही Human trafficking gang के लड़कों के झांसे में आ चुकी हैं। जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग की आदिवासी लड़कियों को मुस्लिम युवक ( Human trafficking gang) टारगेट कर रहे हैं।
ये शातिर बदमाश रॉन्ग नंबर या अनजान नंबर से कॉल करते हैं। ये लोग बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाते हैं। धीरे-धीरे रोजाना घंटों बातचीत होने लगती है। इस दौरान ये लड़कियों से उनके परिवार की पूरी डिटेल ले लेते हैं। इसके बाद लड़की को नौकरी, पढ़ाई और शादी का झांसा देते हैं और उसे फांस लेते हैं।
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फेरीवाले बनकर घूम रहे आदिवासी इलाकों में
जानकारी के अनुसार 2023 में पुलिस ने कोंडागांव-जगदलपुर बॉर्डर पर कुछ फेरीवालों को पर पकड़ा था। तलाशी में इनमें से एक मो. अकील पास से कागज मिला। इसमें बस्तर के जिलों की 5 लड़कियों के मोबाइल नंबर मिले। कोंडागांव पुलिस ऐसे संदिग्धों को लेकर अभियान चला रही है। इसमें अब तक 50 आरोपी जेल भेजे गए हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में कोंडागांव क्षेत्र की 10 लड़कियों से बातचीत के बाद चौंकाने वाली बातें सामने आईं। इसके अनुसार कोंडागांव की स्पेशल टीम ने डेढ़ साल में 98 लड़कियां को ऐसे जालसाजों के चंगुल से बचाया। अभी 15 लड़कियों के लापता होने की जांच चल रही है।
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बातचीत और व्यवहार अच्छा लगा... बाद में असलियत सामने आई
कोंडागांव के मांकड़ी की रहने वाली पीड़ित लड़की के अनुसार एक दिन रॉन्ग नंबर से कॉल आया। उसने अपना नाम शाहिद आलम बताया। बार-बार फोन करने लगा, फिर बातचीत होने लगी। मैंने उसे होमगार्ड के फिजिकल के बारे में बताया तो बोला- प्राइवेट जॉब करोगी? मैं एक सर को जानता हूं, तुम्हे पढ़ाएंगे। जॉब लग जाए तो लौट जाना। एक दिन 5000 रुपए अकाउंट में ट्रांसफर कर बोला कि रायपुर में मिलना। हम रायपुर में मिले। वह मुझे 1 दिन के लिए जम्मू ले गया।
मेरा मोबाइल लेकर नंबर डिलीट कर दिए। फिर बिहार ले गया। वहां एक कमरे में बंद कर दिया। एक लड़का खाना लाता और बाहर से ताला लगा देता। आलम महीनेभर बाद आया और मुझे जम्मू के राजौरी, पुंछ ले गया। वहां भी बाहर से ताला लगा देता था। कहता- मैं आतंकी हूं। मैं डर गई। मार-पीट। गाली-गलौच। यौन उत्पीड़न कर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। आरोपी को राजौरी से गिरफ्तार किया गया।
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प्राइवेट पॉर्ट में केमिकल डाला
कोंडागांव के विश्रामपुरी में रहने वाली पीड़ित आदिवासी लड़की के अनुसार मेरे निकनेम से मुझसे बात करता था। मम्मी-पापा और घर-परिवार के बारे में पूछा। कहने लगा- मेरे अब्बू नहीं हैं। तुम्हारे पापा, मेरे अब्बू जैसे हैं। वह एक दिन कोंडागांव आ गया। उस दिन मम्मी-पापा घर में नहीं थे। जबरदस्ती की और फिर ब्लैकमेल करने लगा। मुझे रायपुर, फिर वहां से मुंबई, धारावी ले गया। एक कमरे में बंद कर दिया। 16 महीने तक कैद रही। मेरे साथ गलत काम किया। कई लोगों को लाता, तो मेरा शरीर नौंचते। कई दिन भूखे रखा। नशे की दवा देता, जिससे मैं बेहोश हो जाती। उसने प्राइवेट पॉर्ट में केमिकल डाला। आरोपी अमेठी से गिरफ्तार हुआ।
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मुस्लिमों और बांग्लादेशियों का मूवमेंट बढ़ा
कोंडागांव में भास्कर टीम की मुलाकात यतींद्र छोटू सलाम से हुई, जो आदिवासी युवा प्रभाग के जिला अध्यक्ष हैं। कहते हैं- 4-5 साल में जिले में बाहर के मुस्लिमों और बांग्लादेशियों का मूवमेंट बढ़ा है। ये बहन-बेटियों को टारगेट कर रहे हैं। बस्तर में बड़ा षड़यंत्र चल रहा है, जो बड़े स्तर से ऑपरेट हो रहा है। बाहरी लोगों के आधार, वोटर आईडी बन जा रहे हैं। कैसे? अगर, इस समस्या का समाधान नहीं निकला तो मुश्किलें बढ़ेंगी। यतींद्र के साथ बड़ी संख्या में आदिवासी युवा जुड़ रहे हैं।