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Illegal occupation of government land : विधानसभा में अवैध प्लाटिंग के मामले पर मचे बवाल के बाद सरकार सख्त हो गई है। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकारी जमीन और खेती की जमीन पर अवैध प्लाट काटने के मामले उठाए। विधायकों की इन शिकायतों के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश से सरकारी जमीन पर कब्जे की जानकारी बुलवाई।
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वहीं, खेती की जमीन पर अवैध प्लाटिंग रोकने के लिए सरकार एक नया नियम बनाने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 5 डिसमिल से ज्यादा जमीन खरीदने और उस पर प्लाट काटने से पहले सरकार से इजाजत लेनी जरुरी होगी। जल्द ही नियमों का मसौदा कैबिनेट में लाया जाएगा और विधानसभा के अगले सत्र में इस विधेयक को पास कर कानून बनाया जाएगा।
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खेती की जमीन पर धड़ल्ले से कट रहे प्लॉट
छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन पर कब्जा और कृषि की जमीन खरीदकर बड़े पैमाने पर प्लॉट काटे जा रहे हैं। रामा बिल्डर्स का मामला सामने आने के बाद सरकार अब इस पर सख्ती बरतने जा रही है। बीजेपी के वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा में ये सवाल उठाए कि रासूखदार लोग बेखौफ अवैध प्लॉट काटकर आम लोगों से ठगी कर रहे हैं।
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विधायकों के तीखे तेवर देखकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने ऐलान किया कि कृषि की जमीन पर प्लॉट काटने पर लगाम लगाने सरकार नया कानून बनाएगी। अब हम आपको बताते हैं कि ये नया कानून क्या होगा। सूत्रों की मानें तो सरकार इन नए कानून का मसौदा तैयार कर रही है। इसमें पांच डिसमिल से ज्यादा की कृषि भूमि खरीदने और उस पर प्लॉट काटने की अनुमति सरकार से लेनी होगी।
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इतना ही नहीं यह अनुमति जमीन की रजिस्ट्री से पहले लेनी पड़ेगी। यदि इस कानून का उल्लंघन किया तो खरीददारों को जेल भी हो सकती है। जल्द ही इस कानून का मसौदा कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक को विधानसभा से पास कर कानून बनाया जाएगा।
मूणत ने कहा कि इस कानून की सख्त जरुरत है क्योंकि प्रदेश के हजारों लोग बिना वैध लेआउट या अनुमति के कृषि भूमि खरीद चुके हैं, जिससे उन्हें बिजली, पानी, या नक्शा पास जैसी सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे मामलों में अवैध प्लाटिंग करने वाले लोग बड़ी रकम कमा लेते हैं, लेकिन खरीददार जीवनभर समस्याओं का सामना करते हैं।
सरकारी जमीन पर कब्जे के 600 मामले
हाल ही में रामा बिल्डर्स का मामला सामने आया था। इसमें रामा बिल्डर ने उस सरकारी जमीन पर कालोनी बनाने की तैयारी कर ली थी जो कॉलेज बनाने के लिए आरक्षित की गई थी। कमिश्नर की जांच में यह बात साबित हो चुकी है।
सूत्रों की मानें तो अभी तक सरकार को सरकार को सरकारी जमीन पर कब्जे की भी 563 शिकायतें मिली हैं। सरकार ने इन कब्जाधारियों को नोटिस जारी किया है। 300 से ज्यादा मामले अदालत में पेंडिंग हैं।
दरअसल, पहले लैंड रेवेन्यू कोर्ट में 5 डिसमिल से छोटी रजिस्ट्री के मामलों में नामांतरण का प्रावधान था, लेकिन पिछली भूपेश सरकार ने इसे समाप्त कर दिया। जिससे अवैध प्लाटिंग का सिलसिला बढ़ गया। अब नए नियमों के तहत रेरा की अनुमति या टाउन प्लानिंग की प्रक्रिया के बिना बनाई गई अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री को प्रतिबंधित किया जाएगा।
इन्होंने की सरकार से शिकायत
- स्पीकर रमन सिंह ने कहा विधानसभा कॉलोनी से लगी शासकीय भूमि पर भी अतिक्रमण है।
- विधायक अनुज शर्मा ने धरसींवा विधानसभा के गांवों में हो रही अवैध प्लाटिंग और अवैध कब्जे की शिकायत की।
- विधायक दलेश्वर साहू ने कहा राजनांदगांव में सरकारी जमीन पर रसूखदारों का कब्जा।
- विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम ने कहा कोरबा में बिना ग्राम सभा की अनुमति के सरकारी जमीन को लीज पर दे दी।
- विधायक ओमकार साहू ने कहा कि धमतरी में अवैध प्लाटिंग की जा रही है।