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शिव शंकर सारथी, RAIPUR. राम अवतार जग्गी हत्याकांड ( Jaggi murder case ) में हत्या के आरोपी यायहा ढेबर ने सरेंडर कर दिया है। आज ADJ पंकज कुमार की अदालत में सरेंडर किया। NCP के नेता राम अवतार जग्गी की हत्या की जांच सीबीआई ने की थी। यह हत्याकांड छत्तीसगढ़ की राजनीति में पहली राजनीतिक हत्या के रूप में दर्ज है। हत्या की साजिश रचने के आरोप में तत्कालीन मुख्यमंत्री के बेटे अमित जोगी को भी सीबीआई ने अरेस्ट किया था। अमित जोगी को इस आरोप में कुछ साल जेल में रहना पड़ा था, लेकिन सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने अमित जोगी को बरी कर दिया था।
कितने लोगों को हुई थी सजा?
हत्या की साजिश, हत्या और हत्या के सुबूत मिटाने जैसे आरोपों में 31 में से 30 लोगों को सजा हुई। यह हत्या 4 जून 2003 को हुई थी। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक टीआई एक सीएसपी और क्राइम ब्रांच के अफसर को हत्या के सुबूत मिटाने के आरोप में सजा हुई है। यह हत्या मौदाहा पारा थाने के चंद कदमों की दूरी पर हुई थी। थाना प्रभारी वीके पाण्डेय ने सही विवेचना करने के बजाय अपने सीएसपी अमरीक सिंह गिल और क्राइम ब्रांच के अफसर सीके त्रिवेदी के साथ मिलकर बिहार से फर्जी शूटर पकड़े।
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सीबीआई को मदद क्यों मिली?
NCP के नेता राम अवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने नामजद FIR करवा दी हत्या के फौरन बाद। जब राज्य सरकार (मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, बीजेपी ) ने केंद्र को पत्र लिखा, तब जांच करने सीबीआई राज्य में आई। तब तक राज्य की पुलिस, बिहार से फर्जी शूटर अदालत में पेश कर चुकी थी। सीबीआई ने नामजद FIR को जांच का आधार बनाया। इस आधार से यह पता चला कि आखिर हत्या की साजिश किसने रची, हत्या किन-किन लोगों ने की और किन-किन लोगों ने हत्या के सुबूत मिटाए।
21 सालों में क्या-क्या हुआ?
हत्या के समय मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी अब इस दुनिया में नहीं हैं। सीबीआई जांच के पत्र लिखने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्पीकर हैं। हत्या की साजिश रचने के आरोपी अमित जोगी का पॉलिटिकल कैरियर अवसान में है। जबकि पिता के राजनीतिक उत्थान के लिए अमित जोगी ने कथित तौर पर हत्या की साजिश रची थी। शूटर चिमन सिंह अदालत में सरेंडर कर चुके हैं। सीबीआई की विशेष अदालत, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के बाद सतीश जग्गी सुप्रीम कोर्ट में न्याय की जंग लड़ेंगे।