छत्तीसगढ़ में पूजे जाते हैं लंका दहन करने वाले हनुमान... होता है उपचार

हनुमान जी को केसरिया चोला चढ़ाया जाता है। उनकी मूर्ति केसरिया ही देखी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में काले हनुमान की पूजा होती है। दरअसल, लंका दहन के बाद हनुमान जी काले पड़ गए थे।

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Kanak Durga Jha
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Janjgir Champa Shivrinarayan Kale Hanuman Temple the sootr
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हनुमान जी को केसरिया चोला चढ़ाया जाता है। उनकी मूर्ति केसरिया ही देखी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में काले हनुमान की पूजा होती है। दरअसल, लंका दहन के बाद हनुमान जी काले पड़ गए थे। इसलिए छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में काले हनुमान की पूजा होती है। उनकी जलन को शांत करने के लिए चमेली के तेल से मालिश भी की जाती है।


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लंका दहन हनुमान का मूर्ति

जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में हनुमान जी कि प्रतिमा काली है। मंदिर से जुड़े रामेश्वर दास त्यागी महराज के अनुसार रामायण काल में जब हनुमान जी ने जब लंका दहन किया, तब वो खुद स्वर्ण महल और भवनों के धुओं से काले पड़ गए थे। वह आग की लपटों में झुलस गए थे। वापस लौटते समय उन्होंने शबरी के आश्रम के पास विश्राम किया थे। इसके बाद वह भगवान राम के पास पहुंचे। इसी लोक मान्यता के अनुसार शिवरीनारायण में भगवान हनुमान की काली प्रतिमा स्थापित है। यह काले रंग के पत्थर से बनी है। इसे लंका दहन हनुमान कहा जाता है।


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शिवरीनारायण में होता है हनुमान जी का उपचार

शिवरीनारायण में की प्रतिदिन पूजा तिल या चमेली के तेल से की जाती है। उनके शरीर की मालिस की जाती है, ताकि लंका दहन की थकान दूर हो सके। आग से झुलसे व्यक्ति का जिस तरह उपचार किया जाता है और उसकी तपन दूर की जाती है, ठीक उसी विधि से उनकी पूजा की जाती है। यहां हनुमानजी की पूजा करते समय हर दिन तिल या चमेली के तेल से मालिस की जाती है। ताकि, उन्हें शीतलता मिल सके।


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FAQ

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में हनुमान जी की प्रतिमा काली क्यों है ?
मान्यता है कि लंका दहन के दौरान हनुमान जी स्वर्ण महलों और भवनों के धुएं और आग की लपटों में झुलस गए थे, जिससे उनका शरीर काला पड़ गया। इसी कारण शिवरीनारायण में काले हनुमान की प्रतिमा स्थापित की गई है।
शिवरीनारायण में हनुमान जी की पूजा किस विशेष विधि से की जाती है ?
यहां हनुमान जी की प्रतिमा की प्रतिदिन तिल या चमेली के तेल से मालिश की जाती है, ताकि लंका दहन की थकान और तपन को दूर किया जा सके। यह उपचार झुलसे हुए व्यक्ति की तरह किया जाता है।
शिवरीनारायण में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा किस पत्थर से बनी है और इसे किस नाम से जाना जाता है ?
यह प्रतिमा काले रंग के पत्थर से बनी है और इसे "लंका दहन हनुमान" के नाम से जाना जाता है, जो लंका दहन के समय की घटना का प्रतीक मानी जाती है।


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