रायपुर रेलवे स्टेशन के स्टॉल से ‘जनता खाना’ गायब, गंदे पानी से बन रही चाय

छत्तीसगढ़ की राजधानी का प्रमुख रायपुर रेलवे स्टेशन है, इन दिनों बदइंतजामी और लापरवाही की वजह से चर्चा में है। स्टेशन के सभी टी स्टॉलों से "जनता खाना" गायब हो गया है, जो सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए किफायती और पौष्टिक भोजन का एकमात्र विकल्प था।

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Krishna Kumar Sikander
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'Janta Khana' missing from stalls at Raipur railway station, tea being made with dirty water the sootr
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रायपुर रेलवे स्टेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी का प्रमुख रेलवे स्टेशन है, इन दिनों बदइंतजामी और लापरवाही की वजह से चर्चा में है। स्टेशन के सभी टी स्टॉलों से "जनता खाना" गायब हो गया है, जो सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए किफायती और पौष्टिक भोजन का एकमात्र विकल्प था। इसके साथ ही, टी स्टॉलों पर गंदे और मटमैले पानी से चाय बनाकर बेची जा रही है, जो यात्रियों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन रहा है। कमर्शियल विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते यह स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।

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जनता खाना गायब, सिर्फ सामान्य यात्रियों की चिंता

रायपुर रेलवे स्टेशन के टी स्टॉलों पर जनता खाना, जो मुख्य रूप से जनरल डिब्बे में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सस्ता और पौष्टिक भोजन का विकल्प था, अब उपलब्ध नहीं है। यह भोजन सामान्य यात्रियों की जेब पर कम बोझ डालता था, लेकिन अब स्टॉलों पर इसका नामोनिशान नहीं है। एक यात्री ने बताया, "जनता खाना गरीब यात्रियों का सहारा था, लेकिन अब स्टॉल वाले केवल महंगे पैकेट वाले खाने बेच रहे हैं, जो हमारी पहुंच से बाहर हैं।" कमर्शियल विभाग के अधिकारियों पर इस मामले में उदासीनता का आरोप लग रहा है। यात्रियों का कहना है कि यदि यह समस्या एसी-1 या उच्च श्रेणी के डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों से जुड़ी होती, तो शायद अब तक यह मामला रेल मंत्री तक पहुंच चुका होता। लेकिन चूंकि यह जनरल डिब्बे के यात्रियों से संबंधित है, इसलिए अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। पहले भी कई बार जीएम, डीआरएम, और सीनियर डीसीएम द्वारा टी स्टॉल संचालकों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखता।

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मटमैले पानी से चाय, सेहत से खिलवाड़

रेलवे स्टेशन के टी स्टॉलों की स्थिति और भी खराब है। पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि स्टॉलों पर चाय बनाने के लिए मटमैले और गंदे पानी का उपयोग हो रहा है। प्लास्टिक के बड़े केनों में रखा पानी कई दिनों तक बदला नहीं जाता, जिसके कारण उसमें गंदगी जमा हो रही है। इतना ही नहीं, कुछ स्टॉलों पर 5 लीटर की पुरानी पानी की बोतलें खुली पड़ी मिलीं, जिनमें पानी भरकर रखा जाता है। जब बड़ा केन खाली हो जाता है, तो उसी बोतल के पानी को केन में डाला जाता है। यह पानी कई महीनों से बदला नहीं गया, जिससे इसकी गुणवत्ता संदिग्ध है। एक यात्री ने बताया, "चाय का स्वाद और रंग ही बता देता है कि पानी साफ नहीं है। लेकिन मजबूरी में हमें यही चाय पीनी पड़ती है।" एक अन्य यात्री ने कहा, "स्टेशन पर साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। स्टॉल वाले खुले में गंदे बर्तनों में चाय बनाते हैं, और कोई जांच करने वाला नहीं है।"

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जीएम के दौरे से पहले दिखावटी सफाई

20 जून को रायपुर रेल मंडल के निरीक्षण के लिए जीएम का दौरा प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो इस दौरे से पहले स्टेशन पर दिखावटी सफाई की तैयारी शुरू हो गई है। अधिकारियों द्वारा टी स्टॉलों पर गंदे पानी के केन हटाए जा रहे हैं, और जीएम को साफ-सुथरा दिखाने के लिए नए पानी के केन लगाए जाएंगे। लेकिन यह सुधार केवल जीएम के दौरे तक सीमित रहने की संभावना है। दौरे के बाद फिर वही स्थिति होने की आशंका है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ेगा।

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कमर्शियल विभाग की लापरवाही

रेलवे स्टेशन पर कमर्शियल विभाग के दो अधिकारी तैनात हैं, जो कथित तौर पर मुस्तैदी से ड्यूटी करते हैं, लेकिन उनकी यह मुस्तैदी स्टेशन के बाहर ज्यादा और स्टेशन के अंदर कम दिखाई देती है। नतीजतन, टी स्टॉलों पर क्या हो रहा है, इसकी जानकारी न तो इन अधिकारियों को है और न ही उच्च पदस्थ कमर्शियल अधिकारियों को। स्टॉल संचालकों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा रोजाना लाखों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

यात्रियों की मांग, रेलवे सुधारे व्यवस्था

यात्री अब मांग कर रहे हैं कि रेलवे प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और स्टेशन पर साफ-सफाई, गुणवत्तापूर्ण भोजन, और स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करे। यात्रियों का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का अभाव और अधिकारियों की लापरवाही उनकी सेहत और सुविधा पर भारी पड़ रही है।

स्थायी समाधान की जरूरत

रायपुर रेलवे स्टेशन की यह स्थिति न केवल रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सामान्य यात्रियों की समस्याओं को कितनी कम तवज्जो दी जाती है। जनता खाना गायब होने और गंदे पानी से चाय बनने की समस्या को तत्काल हल करने की जरूरत है। जीएम के दौरे से पहले की दिखावटी सफाई के बजाय, रेलवे को स्थायी समाधान पर ध्यान देना चाहिए, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ न हो।

 

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