/sootr/media/media_files/2025/10/15/kanker-100-naxal-surrender-raju-salam-bhupati-the-sootr-2025-10-15-16-58-34.jpg)
Kanker. छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर स्थित कांकेर जिले में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को करीब 100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें टॉप कमांडर राजू सलाम, प्रसाद और मीना जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं।
सभी नक्सलियों ने कामतेड़ा स्थित BSF कैंप में हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण (Kanker 100 Naxalites surrender) के बाद नक्सलियों को बस के जरिए कांकेर मुख्यालय लाया गया, जहां पुलिस उनकी पहचान की पुष्टि कर रही है। जल्द ही इन्हें मीडिया के सामने पेश किया जाएगा।
कौन है राजू सलाम?
राजू सलाम डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVCM) और कंपनी नंबर-5 का कमांडर था। वह रावघाट क्षेत्र में सक्रिय था और पिछले दो दशकों से कांकेर जिले में हुई सभी बड़ी नक्सल घटनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता है। राजू सलाम का आत्मसमर्पण नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका है।
महाराष्ट्र में 6 करोड़ इनामी भूपति ने भी किया सरेंडर
कांकेर में आत्मसमर्पण से पहले मंगलवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 6 करोड़ के इनामी नक्सली भूपति ने 60 साथियों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया। भूपति उर्फ मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू दादा, नक्सल संगठन की पोलित ब्यूरो मेंबर था और 1980 के दशक से माओवादी गतिविधियों में सक्रिय था।
वह छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में मोस्ट वांटेड था। भूपति समेत अन्य नक्सलियों ने काली वर्दी पहनकर हथियार सौंपे और मुख्यधारा में लौटने की घोषणा की।
सुकमा में 27 नक्सलियों का भी आत्मसमर्पण
14 अक्टूबर को सुकमा जिले में भी 27 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल थे। सभी नक्सलियों पर कुल 50 लाख रुपए का इनाम घोषित था —
- 1 नक्सली पर ₹10 लाख
- 3 पर ₹8 लाख
- 1 पर ₹3 लाख
- 2 पर ₹2 लाख
- और 9 पर ₹1 लाख
ये सभी PLGA बटालियन नंबर 01 और रीजनल मिलिट्री कंपनी के हार्डकोर माओवादी थे।
ये खबर भी पढ़ें... नक्सल ऑपरेशन में बड़ी सफलता: जिंदा IED के साथ 6 नक्सली गिरफ्तार, एक्टिव हुए जवान
कांकेर नक्सल सरेंडर को ऐसे समझें
|
सरकार की योजना से प्रभावित होकर किया आत्मसमर्पण
नक्सलियों ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि संगठन की अमानवीय विचारधारा और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव ने उन्हें मुख्यधारा में लौटने को प्रेरित किया। सरकार ने घोषणा की है कि सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास सुविधाएं दी जाएंगी।
इलाके में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद
इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र दोनों राज्यों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ने और स्थानीय युवाओं को समाज से जोड़ने का रास्ता साफ हुआ है।