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Raipur. राजधानी रायपुर में तनाव की स्थिति बन गई जब क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने मौदहापारा थाना पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दी। पुलिस ने जरूरी औपचारिकताओं के बाद थाने से ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। इस दौरान थाना परिसर के बाहर करणी सेना के सैकड़ों समर्थक जमा हो गए और पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 1 ASP, 2 CSP और 5 थानों के टीआई सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
शेखावत बोले— 7 दिसंबर का आंदोलन तय समय पर होगा
जमानत मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. राज शेखावत ने कहा “7 दिसंबर की न्याय महापंचायत और आंदोलन अपने तय समय पर होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने वीरेंद्र तोमर के बच्चों की स्कूल जानकारी, फीस डिटेल और निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश की, जो गलत है। उन्होंने यह भी पूछा कि पुलिस बच्चों पर नज़र रखने की जरूरत क्यों महसूस कर रही थी।
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फेसबुक लाइव में पुलिसकर्मियों को दी थी धमकी, फिर FIR दर्ज
इससे पहले रविवार को डॉ. राज शेखावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर यह घोषणा की थी कि वे पीड़ित परिवार की अध्यक्षता में ‘आमंत्रण यात्रा’ निकालेंगे। फेसबुक लाइव के दौरान उन्होंने वीरेंद्र तोमर के जुलूस को गलत ठहराया। यह कहा कि “तोमर कोई आतंकवादी था क्या, जिसका जुलूस निकाला गया?” चेतावनी दी कि क्षत्रिय समाज रायपुर कूच करेगा और पुलिसकर्मियों के घरों में भी घुसेगा। पुलिस कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही। इन बयानों के बाद मौदहापारा पुलिस ने 15 नवंबर को FIR दर्ज की।
FIR में क्या लिखा गया?
पुरानी बस्ती के पूर्व थाना प्रभारी इंस्पेक्टर योगेश कश्यप ने मुकदमा दर्ज कराया था। FIR में शामिल मुख्य आरोप:
- आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation)
- लोक सेवक को धमकाने का अपराध
- सम्मान को ठेस पहुंचाना
- BNS की कई धाराएँ लागू
गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी बयान दिया था “अपराधी कोई भी हो, छोड़ा नहीं जाएगा।”
वीरेंद्र तोमर मामला: पूरा बैकग्राउंड
10 नवंबर को रायपुर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर को कोर्ट में पेश किया था। तोमर पर सूदखोरी, रंगदारी, मारपीट और अवैध हथियार रखना जैसे कई आरोप हैं। पुलिस ने उसे 5 महीने की तलाश के बाद ग्वालियर (MP) से गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में है।
करीब 3 महीने पहले राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने भी कहा था कि “वीरेंद्र तोमर का करणी सेना से कोई संबंध नहीं है।”
थाने के बाहर तनाव—समर्थकों का हंगामा
थाने के बाहर बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता जमा होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। गिरफ्तारी को साजिश बताया गया। 7 दिसंबर के आंदोलन को सफल बनाने की घोषणा भी की गई है। पुलिस ने एहतियातन पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी।
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