करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत पर FIR दर्ज, वीरेंद्र तोमर केस में पुलिस और SSP को दी थी धमकी

रायपुर में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी और उनके जुलूस को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया लाइव में पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने पुलिसवालों और SSP के घर में घुसने की धमकी दी थी।

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Harrison Masih
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Raipur. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.राज शेखावत के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। शेखावत पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव आकर हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर के ख़िलाफ़ की गई पुलिस कार्रवाई पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए पुलिस अधिकारियों और रायपुर SSP को खुलेआम धमकी दी थी। मौदहापारा थाने में यह FIR 15 नवंबर को दर्ज की गई है। शिकायत पुरानी बस्ती थाने के पूर्व TI योगेश कश्यप ने दर्ज कराई है।

क्यों दर्ज हुई FIR?

डॉ. राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर 1 घंटे का लाइव करते हुए तोमर की गिरफ्तारी और जुलूस का विरोध किया। उन्होंने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया, रायपुर SSP के घर तक पहुंचने की धमकी दी, पुलिसकर्मियों को “घर में घुसकर जवाब देने” की चेतावनी दी, पुलिस वालों को “डूब मरो” जैसे शब्द कहे। इस लाइव वीडियो के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ BNS की धाराओं में केस दर्ज कर लिया।

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एफआईआर के बाद भी शेखावत का जारी है विरोध

मामला दर्ज होने के बाद भी डॉ. शेखावत पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने फिर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि— “7 दिसंबर को न्याय महापंचायत रायपुर में करेंगे।” पुलिस कार्रवाई को “अत्याचार” बताया। बड़ी संख्या में समाज के लोगों को जुटने की घोषणा की है। हालांकि तीन महीने पहले करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा था कि वीरेंद्र सिंह तोमर का करणी सेना से कोई संबंध नहीं है।

वीरेंद्र तोमर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर

सूदखोरी और आर्म्स एक्ट के कई मामलों में वांछित हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर को पुलिस ने शुक्रवार (14 नवंबर) को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। पूछताछ में तोमर ने अपने छुपने के ठिकानों, कुछ संपत्तियों, कारोबार से जुड़े नेटवर्क की जानकारी पुलिस को दी है। 

कोर्ट परिसर में तोमर ने बयान दिया— “मैं अपराधी नहीं हूं, मुझे फंसाया जा रहा है। मेरे परिवार को आतंकी बताया जा रहा है।” जेल भेजे जाने के बाद समर्थकों ने केंद्रीय जेल के बाहर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन भी किया।

वीरेंद्र तोमर का भाई अभी भी फरार

वीरेंद्र के भाई रोहित तोमर की तलाश जारी है। पुलिस टीम लगातार विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुरानी बस्ती और तेलीबांधा थाने में दोनों भाइयों के खिलाफ सूदखोरी, धमकी और अवैध हथियारों के कई मामले पहले से दर्ज हैं।

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क्या कहा गृहमंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने?

गृहमंत्री ने इस पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा— “अपराधी कोई भी हो, नहीं छोड़ा जाएगा। सामाजिक संस्थाएँ अच्छे काम के लिए होती हैं, अपराधियों के समर्थन के लिए नहीं। अगर हर अपराधी के पीछे समाज खड़ा हो जाएगा, तो कानून व्यवस्था कैसे चलेगी? कठोरता के साथ कार्रवाई होगी।”

सरकार का स्पष्ट संदेश है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

शेखावत ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए

सोशल मीडिया लाइव में डॉ. शेखावत ने कहा— तोमर एक सामान्य व्यापारी था, जिसने लोगों को जरूरत पर पैसे दिए उसे अपराधी बताकर अपमानित किया गया, पुलिस ने धूप में नंगे पैर चलाया, गिरने पर पुलिसकर्मियों ने पैर रखकर खड़ा करने की कोशिश की और इसी दौरान उन्होंने पुलिस वालों को डूब मरो तक कह दिया — यही शब्द विवाद का केंद्र बने।

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