श्मशान में केक-गुब्बारों से सजी अर्थी, पिता ने अंतिम संस्कार से पहले मनाया बेटी का जन्मदिन

कवर्धा सड़क हादसे में 10 वर्षीय अदिति भट्टाचार्य की मौत के बाद, पिता ने श्मशान में उसकी अर्थी को गुब्बारों से सजाकर जन्मदिन मनाया, केक काटा। यह मार्मिक विदाई छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुई।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
birthday in shamshan

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक दस वर्षीय मासूम सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में पश्चिम बंगाल निवासी एक ही परिवार की मां-बेटी की भी मौत हुई थी। मंगलवार को इन दोनों का अंतिम संस्कार कवर्धा मुक्तिधाम में किया गया।

जिस दिन मासूम दस वर्षीय बच्ची का अंतिम संस्कार किया जाना था, संयोग से उसी दिन उसका जन्मदिन भी था। इस ह्रदय विदारक स्थिति में मासूम के पिता ने अपनी बेटी को जन्मदिन पर अंतिम विदाई बड़े ही मार्मिक अंदाज में दी।

पिता ने श्मशान में ही जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया। पूरे मुक्तिधाम और बेटी की चिता को गुब्बारों से सजाया गया, और मौके पर मौजूद लोगों ने बर्थडे गीत भी गाया। यह दृश्य जिसे भी देखा, वह अपने आंसू नहीं रोक सका। कुछ देर के लिए पूरा कवर्धा मुक्तिधाम शोक में डूबा नजर आया।

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में दो दिन पहले, चिल्फी इलाके के अकलघरिया में एक तेज रफ्तार ट्रक और बोलेरो की भीषण टक्कर में एक बच्ची समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग पश्चिम बंगाल के थे और कान्हा नेशनल पार्क घूमने के बाद बिलासपुर में अपनी ट्रेन पकड़ने जा रहे थे।

यह खबरें भी पढ़ें...

छत्तीसगढ़ वन विभाग में 1484 पदों पर फॉरेस्ट गार्ड भर्ती फिर से शुरू,28 अक्टूबर से होगी परीक्षा

छत्तीसगढ़ के आरकेएम पावर प्लांट में बड़ा हादसा, लिफ्ट गिरने से 3 मजदूरों की मौत, 7 घायल

श्मशान में जन्मदिन : अर्थी पर गुब्बारे और केक 

हादसे में मरने वालों में मां परम भट्टाचार्य और उनकी 10 वर्षीय बेटी अदिति भट्टाचार्य भी शामिल थीं। नियति का क्रूर संयोग देखिए, जिस दिन यह माँ-बेटी अपनी अंतिम यात्रा पर निकलीं, उसी मंगलवार को मासूम अदिति का जन्मदिन  था। पत्नी और बेटी के असमय चले जाने के गम में डूबे पिता इंद्रजीत भट्टाचार्य ने श्मशान में ही बेटी का जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया। 

इंद्रजीत ने कवर्धा के स्थानीय मुक्तिधाम में अपनी पत्नी और बेटी को नम आंखों से विदाई देते हुए, बेटी के 10वें जन्मदिन को आखिरी बार खास बनाने का फैसला किया। उन्होंने अपनी बेटी की अर्थी को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया, ठीक वैसे ही जैसे किसी जन्मदिन की पार्टी को सजाया जाता है। इतना ही नहीं, अंतिम संस्कार की क्रियाएं शुरू होने से पहले उन्होंने केक भी काटा, अदिति को जन्मदिन की टोपी भी पहनाई और एक पिता के रूप में उसे आखिरी बार ‘जन्मदिन मुबारक’ कहा।

वहां मौजूद लोगों के लिए यह क्षण भावुक करने वाला था। एक तरफ शोक का माहौल, दूसरी तरफ एक पिता का अपनी बेटी के लिए अटूट स्नेह। स्थानीय आरएसएस (RSS) और भाजपा (BJP) से जुड़े पदाधिकारी भी इंद्रजीत के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े रहे, क्योंकि बताया गया कि इंद्रजीत आरएसएस से जुड़े हैं।

पिता इंद्रजीत ने कहा कि यह उनके लिए बहुत कठिन और दर्दनाक पल था, जिसे शब्दों में बयां करना असंभव है। यह मार्मिक घटना बताती है कि प्यार और रिश्ते मौत के बाद भी खत्म नहीं होते, वे बस अपनी अभिव्यक्ति का तरीका बदल देते हैं। 

ट्रक-बोलेरों की टक्कर में गई थी मां-बेटी सहित पांच की जान

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में रविवार को रॉन्ग साइड से आ रहे एक ट्रक ने बोलेरो को सामने से टक्कर मार दी थी। भीषण हादसे में मां-बेटी सहित पांच की मौत हो गई। वहीं 5 लोगों की हालत गंभीर है। हादसा चिल्फी थाना क्षेत्र में हुआ है।

जानकारी के मुताबिक बोलेरो में सवार लोग कोलकाता के रहने वाले थे। वे मध्यप्रदेश के बालाघाट स्थित कान्हा नेशनल पार्क घूमकर बिलासपुर लौट रहे थे। यहां से उन्हें रात को ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन नेशनल हाईवे 30 के चिल्फी घाटी के अकालघरिया मोड़ पर हादसे का शिकार हो गए। 

यह खबरें भी पढ़ें...

छत्तीसगढ़ में दवा खिलाने के बाद हो रही जांच, चहेतों को लाभ पहुंचाने का हो रहा खेल

छत्तीसगढ़ में IFS अधिकारियों के तबादले : 15 अफसरों के प्रभार में बदलाव और प्रशासनिक फेरबदल

हादसे ने खोली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल 

इस दुखद घटना के सामने आने के साथ ही,स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की पोल भी खुलती दिखाई दी। कवर्धा सड़क हादसा के बाद, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जबकि पांच मृतकों के शवों को बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।

फ्रीजर की कमी एक बड़ी समस्या 

  • 24 घंटे तक स्ट्रेचर पर शव (Bodies on Stretcher for 24 Hours): सबसे बड़ी अव्यवस्था यह थी कि स्वास्थ्य केंद्र में शवों को रखने के लिए पर्याप्त फ्रीजर (Freezer) की व्यवस्था नहीं थी। केंद्र में केवल एक ही फ्रीजर उपलब्ध था, जिसमें बोलेरो के मृतक ड्राइवर का शव रखा गया था।

  • परिजनों की प्रतीक्षा (Waiting for Relatives): माँ, बेटी समेत चार शवों को करीब 24 घंटे (24 hours) तक स्ट्रेचर पर ही रखा गया था, क्योंकि परिजनों के आने में देर हो रही थी।

  • जिला अस्पताल में स्थानांतरण (Transfer to District Hospital): अगले दिन, जब परिजन कवर्धा पहुंचे, तब इन चारों शवों को अंतिम संस्कार से पहले जिला अस्पताल (District Hospital) भेजा गया।

कवर्धा सड़क हादसा अंतिम संस्कार श्मशान में जन्मदिन छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल कान्हा नेशनल पार्क मध्यप्रदेश बिलासपुर
Advertisment